Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 May 2024 · 1 min read

वफ़ा की कसम देकर तू ज़िन्दगी में आई है,

वफ़ा की कसम देकर तू ज़िन्दगी में आई है,
मेरी ख़ुशियों की उम्मीदों को साथ लाई है

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

110 Views

You may also like these posts

मेरा भी जिक्र कर दो न
मेरा भी जिक्र कर दो न
Kanchan verma
मोहब्बत
मोहब्बत
Dinesh Kumar Gangwar
*रामपुर के धार्मिक स्थान और मेले*
*रामपुर के धार्मिक स्थान और मेले*
Ravi Prakash
आज का इन्सान हर *पहर* मर रहा है ।।
आज का इन्सान हर *पहर* मर रहा है ।।
Ashwini sharma
अहंकार
अहंकार
Rambali Mishra
आसमाँ के परिंदे
आसमाँ के परिंदे
VINOD CHAUHAN
नजरिया
नजरिया
पूर्वार्थ
सीख
सीख
Ashwani Kumar Jaiswal
हर आदमी का आचार - व्यवहार,
हर आदमी का आचार - व्यवहार,
Ajit Kumar "Karn"
~ मां ~
~ मां ~
Priyank Upadhyay
आज के इस हाल के हम ही जिम्मेदार...
आज के इस हाल के हम ही जिम्मेदार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
किसी का साथ देना सीखो
किसी का साथ देना सीखो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
राम वन गमन -अयौध्या का दृश्य
राम वन गमन -अयौध्या का दृश्य
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
बोलेंगे हिंदी लिखेंगे हिंदी
बोलेंगे हिंदी लिखेंगे हिंदी
Sudhir srivastava
कावड़ मैं लाऊँगा- भजन -रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
कावड़ मैं लाऊँगा- भजन -रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
सत्रहवां श्रृंगार
सत्रहवां श्रृंगार
अंकित आजाद गुप्ता
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अनुभूति...
अनुभूति...
ओंकार मिश्र
ऐसा बेजान था रिश्ता कि साँस लेता रहा
ऐसा बेजान था रिश्ता कि साँस लेता रहा
Shweta Soni
बात सीधी थी
बात सीधी थी
Dheerja Sharma
दुख दें हमें उसूल जो, करें शीघ्र अवसान .
दुख दें हमें उसूल जो, करें शीघ्र अवसान .
RAMESH SHARMA
दोहा त्रयी. . . . . नवयुग
दोहा त्रयी. . . . . नवयुग
sushil sarna
2893.*पूर्णिका*
2893.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" प्यार के रंग" (मुक्तक छंद काव्य)
Pushpraj Anant
क्या रखा है? वार में,
क्या रखा है? वार में,
Dushyant Kumar
पीछे
पीछे
Ragini Kumari
कौरव दल का नाश
कौरव दल का नाश
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
कहीं ना कहीं कुछ टूटा है
कहीं ना कहीं कुछ टूटा है
goutam shaw
बेटी की विदाई
बेटी की विदाई
Ghanshyam Poddar
Poem
Poem
Prithwiraj kamila
Loading...