“वन्दे मातरम”
“ये तीन रंग की धरा,
केसरिया ,श्वेत,हरा।
आँचल में इसके नदियाँ बहती,
गंगा,जमुना,सरस्वती।
हिन्द ,अरब,प्रशांत का,
कदमों में संगीत भरा।
ये तीन रंग…..
राम,कृष्णा,अल्लाह ,गुरुनानक,
है देश भक्ति सब धर्मों की पालक।
रंग से रंग भेद,इन्द्रधनुष बना,
मतभेद नहीं हममे जरा।
ये तीन रंग…..
चाँद पे है पांव अपने,
हाथ जोड़ हम झुकादे सपने,
इसकी शक्ति दुनिया पहचाने,
इसका कोना कोना खरा।
ये तीन रंग की धरा,
केसरिया,श्वेत,हरा।
::::रजनी:::::