वजूद तुम्हारा तुम से ही है
-वजूद तुम्हारा तुम से ही है
उम्मीद दूसरों से नहीं
खुद से ही लगाएं रखना,
निराश मत होना कभी
कदम आगे बढ़ाए रखना,
हौसलों की बाती डाल उसमें,
उम्मीद का दीया जलाए रखना।
स्निग्ध विश्वास तेल से भर
किस्मत में नूर बनाए रखना
उम्मीद पर टिकी है इच्छाएं
जीवन को सदा उठाएं रखना
मुश्किल तो आएगी आगे बढ़ने में
निराश को मात दे खुद को बचाएं रखना।
देख दूसरों की तरक्की को
ईर्ष्या और अधैर्य से दूरी बनाए रखना
उकसाएगा आस-पड़ोस का वातावरण
घृणा से स्वयं को बचाए रखना
भरमाएगा हार जीत का हर एक पल
मंजिल पर सख्ती से कदम जमाए रखना ।
डराएंगी मुश्किल पीड़ा और दर्द
सहन करने की शक्ति बनाए रखना
जीवन माना पानी का बुलबुला है
पर जीने की आस खास बनाए रखना
जान लेना वजूद तुम्हारा तुमसे ही है,
मन में जीत का परचम फहराया रखना।
– सीमा गुप्ता अलवर राजस्थान