वज़्न — 2122 1122 1122 22(112) अर्कान — फ़ाइलातुन – फ़इलातुन – फ़इलातुन – फ़ैलुन (फ़इलुन) क़ाफ़िया — [‘आना ‘ की बंदिश] रदीफ़ — भी बुरा लगता है
एक झटपट #मैगी जैसा प्रयास😃
बात -बातों में सताना भी बुरा लगता है।
वो अगर रूठे मनाना भी बुरा लगता है।
जो कहो बात सही तो हैं बुरा मानते वो,
कलमा-ए-ख़ैर बताना भी बुरा लगता है।
जी का जंजाल बनी है ये मुहब्बत सबकी,
इश्क़ वालों को ज़माना भी बुरा लगता है।
सुन लो दो बोल कि कुछ दर्द ही कम हो जाए,
दर्द को दिल में दबाना भी बुरा लगता है।
एक पर्दा सा निगाहों का तू रखना ‘नीलम’
खुल के महफ़िल में चले आना बुरा लगता है।
नीलम शर्मा ✍️
कलमा-ए-ख़ैर -भलाई की बात
उड़ान परिवार