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4 Sep 2023 · 1 min read

………..वक्त……….

………..वक्त……….

ठहरता नही है आया वक्त कभी
ठहर जाती हैं यादें ही इस पल की
मिलते जुलते लोग ही अक्सर हमे
दे जाते हैं सीख आते हुए कल की

अपने ही अपने हों यह जरूरी नहीं
गैर भी हो जाते हैं अपनों से बेहतर
संबंध आपके ही सिद्ध करते हैं इसे
आपकी अपनी सोच है कितनी बेहतर

जरूरतें तो सभी को हैं है किसी से ही
रिश्तों के हद्द की समझदारी चाहिए
बादलों से भले भरा हुआ हो आकाश
बादलों मे पानी भी तो होना चाहिए

वक्त से वक्त का फासला दूर हो भले चाहे
संभलने समझने का वक्त देता है वक्त ही
आकर गया वक्त लौटकर आए या न आए
कल के लिए कल का वक्त भी देता वक्त ही

आप पर है की कल के लिए लेते हैं क्या
वक्त की निगाह मे कोई विशेष नही होता
क्यों किसी को बदलना नही होता
……………………
मोहन तिवारी,मुंबई

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