वक्त
न जाने वक्त कितने अनकहे,अनसुलझे,अनछुए पहलू के मर्म को समझाएगा
सचमुच वक्त क्या क्या सितम ढाएगा
जख्म पे जख्म मिलकर नासूर बन जाएगा
न जाने कौन सा वक्त मरहम लेकर आएगा
न जाने वक्त कितने अनकहे,अनसुलझे,अनछुए पहलू के मर्म को समझाएगा
सचमुच वक्त क्या क्या सितम ढाएगा
जख्म पे जख्म मिलकर नासूर बन जाएगा
न जाने कौन सा वक्त मरहम लेकर आएगा