वक्त हो बुरा तो …
वक्त हो बुरा तो …
वक्त हो बुरा तो सिकंदर भी बदल जाते हैं।
वक़्त की म्यान के खंजर भी बदल जाते हैं।
गीली रेत से ख़्वाबों के महल ..बनाने वालो –
ये जो टूटे तो चश्म के समंदर बदल जाते हैं।
सुशील सरना
वक्त हो बुरा तो …
वक्त हो बुरा तो सिकंदर भी बदल जाते हैं।
वक़्त की म्यान के खंजर भी बदल जाते हैं।
गीली रेत से ख़्वाबों के महल ..बनाने वालो –
ये जो टूटे तो चश्म के समंदर बदल जाते हैं।
सुशील सरना