वक्त वक्त की बात है ,
वक्त वक्त की बात है ,
वक्त कहां सबके पास है।
आज इस दौड़ भरी जिंदगी में ,
सब अपने में व्यस्त है ।
किसी को फुरसत नहीं,
किसी की बात सुनने की । वक्त कहा ……।
आज वक्त नहीं अपनों के लिए,
सब मोबाइल में व्यस्त है।
व्यस्त भरी जिंदगी में,
सब पैसे कमाने में त्रस्त है।वक्त कहा ………।
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योगेन्द्र चतुर्वेदी