Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Nov 2024 · 3 min read

वक्त की नजाकत को समझें ‘ मराठी मानुष ‘ क्या पता, किसे ‘ सजदा ‘ करना पड़ जाए

सुशील कुमार ‘नवीन ‘
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के हेलीकॉप्टर की चुनाव आयोग की टीम द्वारा जांच का मामला इन दिनों पूरा गर्माया हुआ है। हालांकि चुनाव आयोग के अनुसार ये एक सामान्य प्रक्रिया है, जो सभी के साथ होती रही है। इसमें कोई विशेष बात नहीं है। हर चुनाव में यह होता रहा है। आयोग के अनुसार भले ही ये सामान्य प्रक्रिया हो, पर ‘ मराठी मानुष ‘ की 24 घंटे में दो बार की चेकिंग ने पक्ष-विपक्ष के नेताओं की बयानबाजी को पूरी हवा दे दी है।
महाराष्ट्र में कभी पावरफुल रही शिवसेना आज धड़ों में बंटी हुई है। एक झंडे के नीचे बरसों रहे नेता आज अलग झंडा, अलग निशान लिए एक-दूसरे के सामने खड़े हैं। यह ठीक है कि उद्धव ठाकरे उस शख्शियत (बाला साहब ठाकरे) के उतराधिकारी हैं जिसका बरसों तक महाराष्ट्र में अपना विशेष दबदबा रहा है। ‘ आता माझी सटकले ‘ डायलॉग ‘सिंघम’ फिल्म से 2011 में जरूर मशहूर हुआ था। बाला साहब ठाकरे पर ये डायलॉग शुरू से ही सटीक बैठता रहा था। उन्होंने जो कह दिया, सो कह दिया। मुंबई से लेकर दिल्ली तक उसे मोड़ना या मोड़ने का प्रयास करना सहज नहीं था। बाबरी मस्जिद गिराने पर उनका बयान हो, या भारत-पाक मैच कहीं पर भी न होने देने की बात हो। जो कहा उसे खुलकर कहा। जब तक जिए तब तक अपना दबदबा कम नहीं होने दिया। शिवसेना जितनी मजबूत उनके समय थी वो अब नहीं है। ताकत बंट चुकी है तो कमजोरी होना स्वाभाविक है। प्रकृति का यह नियम भी है कि शिकार हमेशा कमजोर ही बनते हैं। ताकतवर तो शिकार बनाते हैं।
ठाकरे के हेलीकॉप्टर की सोमवार को यवतमाल और मंगलवार को लातूर में जांच की गई। हेलीकॉप्टर में रखे गए पूरे सामान को भी चेक किया गया। वैसे तो जांच प्रक्रिया कोई बड़ी बात नहीं है। बड़े बड़े महानुभावों की जांचें चर्चाओं में रही हैं। एयरपोर्ट पर तो ये एक सामान्य क्रिया है। इलेक्शन टाइम ही ऐसा होता है जब अधिकारी फुल पावर में और नेताओं के हाथ पूरी तरह से बंधे होते हैं। अन्यथा क्या मजाल कोई बड़े से बड़ा अधिकारी जांच करना तो दूर जांच करने की बात ही कह कर दिखाए। ऐसे में ठाकरे साहब को टीम के प्रति नाराजगी नहीं दिखानी चाहिए। जांच में नाराजगी दिखाने से बचकर जांच में उदारता दिखानी चाहिए।
वैसे भी नाराजगी दिखना और नाराजगी दिखाना दोनों में अंतर है। नाराजगी दिखना मौके पर चौके की तरह होती है। समय अच्छा हो तो यह कई गुणा परिणाम देती है। शब्दों के कटुजाल से यदि अपने आपको बचाये रखा तो इससे संबंधों में सुधार के चांस भी बने रहने के आसार रहते हैं। दूसरे मौके पर ही नाराजगी दिखा देना संबंधों में कड़वाहट और बढ़ाने का काम करता है। राजनीति में कौन किस समय दोस्त बनाना पड़ जाए, कब किसे सजदा करना पड़ जाए। किससे गले मिलना पड़ जाए। पता नहीं चलता। ऐसी स्थिति में शब्दों के कटुजाल बहुत परेशानी पैदा करते हैं।
महाराष्ट्र सियासत के प्रमुख ध्रुव रहे उद्धव ठाकरे के साथ इस तरह की घटना पर चर्चाएं भी एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। चुनाव में यदि कुछ नया न हो तो चुनाव का माहौल नहीं बनता। महाराष्ट्र की राजनीति वैसे भी औरों से हटकर है। यहां ‘ अपने वर्सिज अपने ‘ चुनाव लड़ रहे हैं। गठबंधन टिके रहेंगे, ये कौनसा तय है। चुनाव से पहले और परिणाम के बाद अलग रुख होता है। सामने से नमस्ते करने वाले नजरें चुराते देर नहीं लगाते। क्या पता, किससे हाथ मिलाना पड़ जाए। ठाकरे साहब ऐसे में इसे दिल पर न लें। ‘ आल इज वेल ‘ कहकर इसे एक सामान्य प्रक्रिया के रूप में स्वीकारें । प्रतिष्ठा का सवाल न बनाएं। राजनीति में प्रतिष्ठा बनती ओर बिगड़ती रहती है। प्रतिष्ठा लगातार बरकरार रहे, इसके लिए पहले से भी मजबूत होकर दिखाएं। वैसे भी नाराजगी मौके पर ही दिखाने की होती है। चुनाव के माहौल में इससे बचना चाहिए। कई बार ये विपरीत दिशा में चल पड़ती है तो संभालनी मुश्किल हो जाती है। भाजपा को तो बैठे बैठाए शानदार मुद्दा मिल गया है। ठाकरे साहब के एक वीडियो के जवाब में धड़ाधड़ बयानबाजी होने लगी है। बाकायदा चुनाव आयोग की टीम से अपने बड़े नेताओं के वाहनों की जांच के वीडियो अपलोड किए जा रहे है। मशहूर शायर बशीर बद्र ने ठीक कहा है –
दुश्मनी जम कर करो, लेकिन ये गुंजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों।
लेखक;
सुशील कुमार ‘नवीन‘, हिसार
96717 26237
लेखक वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार है। दो बार अकादमी सम्मान से भी सम्मानित हैं।

Language: Hindi
Tag: लेख
29 Views

You may also like these posts

कैसा फसाना है
कैसा फसाना है
Dinesh Kumar Gangwar
🙅प्राइवेसी के तक़ाज़े🙅
🙅प्राइवेसी के तक़ाज़े🙅
*प्रणय*
"पं बृजेश कुमार नायक"(Pt. Brajesh kumar nayak)का संक्षिप्त परिचय
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
ठगी
ठगी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
राम जीवन मंत्र है
राम जीवन मंत्र है
Sudhir srivastava
विदेह देस से ।
विदेह देस से ।
श्रीहर्ष आचार्य
देख भाई, ये जिंदगी भी एक न एक दिन हमारा इम्तिहान लेती है ,
देख भाई, ये जिंदगी भी एक न एक दिन हमारा इम्तिहान लेती है ,
Dr. Man Mohan Krishna
" आजकल "
Dr. Kishan tandon kranti
"" *माँ सरस्वती* ""
सुनीलानंद महंत
बूँदे बारिश की!
बूँदे बारिश की!
Pradeep Shoree
मंजिल।
मंजिल।
Kanchan Alok Malu
*शास्त्री जीः एक आदर्श शिक्षक*
*शास्त्री जीः एक आदर्श शिक्षक*
Ravi Prakash
18. Before You Sleep
18. Before You Sleep
Santosh Khanna (world record holder)
3558.💐 *पूर्णिका* 💐
3558.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जिन्दगांणी
जिन्दगांणी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
रमेशराज के दो लोकगीत –
रमेशराज के दो लोकगीत –
कवि रमेशराज
मैं भी कृष्ण
मैं भी कृष्ण
Sonu sugandh
5.वर्षों बाद
5.वर्षों बाद
Lalni Bhardwaj
देख लेती जब, तेरी जानिब ,
देख लेती जब, तेरी जानिब ,
Dr fauzia Naseem shad
घर :,,,,,,,,
घर :,,,,,,,,
sushil sarna
*दिल जल रहा है*
*दिल जल रहा है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
प्रेम में सफलता और विफलता (Success and Failure in Love)
प्रेम में सफलता और विफलता (Success and Failure in Love)
Acharya Shilak Ram
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
उड़ने दो
उड़ने दो
Seema gupta,Alwar
नवसंकल्प
नवसंकल्प
Shyam Sundar Subramanian
बेटियां
बेटियां
डॉ. शिव लहरी
ଏହି ମିଛ
ଏହି ମିଛ
Otteri Selvakumar
*हाले दिल बयां करूं कैसे*
*हाले दिल बयां करूं कैसे*
Krishna Manshi
बहर- 121 22 121 22 अरकान- मफ़उलु फ़ेलुन मफ़उलु फ़ेलुन
बहर- 121 22 121 22 अरकान- मफ़उलु फ़ेलुन मफ़उलु फ़ेलुन
Neelam Sharma
Loading...