वक्त की जेबों को टटोलकर,
वक्त की जेबों को टटोलकर,
यादों की परतों को खोलकर,
समय के गहरे समन्दर से,
अनमोल खजाना तलाशता हूँ,
उससे पुराना ज़माना माँगता हूँ,
मैं फ़िर से जीना चाहता हूँ…
वक्त की जेबों को टटोलकर,
यादों की परतों को खोलकर,
समय के गहरे समन्दर से,
अनमोल खजाना तलाशता हूँ,
उससे पुराना ज़माना माँगता हूँ,
मैं फ़िर से जीना चाहता हूँ…