वंदन हो उन लालों का
खड्ग बने बेधड़क लेखनी, हो संहार कुचालों का,
शोणित से होता अभिनंदन, राणा जी के भालों का।
वीर प्रसूता भारत माता, संस्कारों की जननी है,
जो शहीद हो गए राष्ट्रहित, वंदन हो उन लालो का।।
— अरुण शर्मा बेधड़क
राष्ट्रवादी कवि
सीतापुर (उ०प्र०)
. दुरभाष :8303272549