वंदना
हे माँ काली शक्ति दो
जीवन का अंत करूँगा मे
ऐसी कोई युक्ति दो
है माँ काली शक्ति दो
आन पड़ी है विपदा भारी
विपदाओ से मुक्ति दो
हे माँ काली शक्ति दो
हे माँ चंडी, हे बर्बण्डी
रक्त पिपासी, हे रणचंडी
छिन्नमास्तिका, मस्तक छिन्न कर
रिपुदमन कर, अंग भिन्न कर
रक्तपान कर, मुक्ति दान कर
शत्रु नाश कर, महाविनाश कर
मुंड माला ले नृत्य करो,
महा भयानक कृत्य करो
बीज मिटा दो माँ बिजासन
हिंगलाज माँ लाज रखो,
हे माँ करणी, करदो करणी
कांप उठे, दिक अंबर धरणी
हे भैरवी, खप्पर वाली
जाग उठो शमसाने वाली
कोलाहल सब करें योगनी
अट्टहास सब करें यक्षणी
उठो डाकिनी, उठो शाकिनी
प्रचण्ड नाश कर महा पिशाचनी
हे वाराही, हे माँ तारा
मुझको अद्भुत भक्ति दो
हे माँ काली शक्ति दो
– पर्वत सिंह राजपूत (अधिराज )