वंदना — आए है आए है, मां द्वार तुम्हारे आए है !!!
?मां सरस्वती की वंदना ?
स्वर दो ,स्वर दो ,वर दो मैया ।
शरण में तेरी आए हैं।
दीप जलाया, ध्यान लगाया ।
मन में मुरादें लाए हैं ।
आए हैं ,आए हैं, मां द्वार तुम्हारे आए हैं ।। ——–२
(१)
मधुर मधुर सी वीणा बजती ।
तोरे इस दरबार में।
अक्षर अक्षर अधर पे सजते।
पुष्प सजे ज्यों हार में ।
लगन लगा दो, जीवन महका दो ।
अज्ञान के हम तो सताए हैं।।
आए हैं आए है मां द्वार तुम्हारे आए हैं ।।———२
(२)
लीला तेरी बड़ी निराली।
दया सभी पर करती हो ।।
जिव्हा पे बस जाओ हमारी ।
हमको क्यों तरसाती हो।।
वीणा पाणी जग कल्याणी ।
आशा तुम से लगाए हैं।।
आए हैं आए हैं मां द्वार तुम्हारे आए हैं।।———–२
(३)
समरस मन हो।
ज्ञान ही धन हो ।
और न मैया कुछ चाहे ।।
तेरे सिवा है कौन हमारा।
सुलभ करो जीवन राहें।।
शारदे हमको तार दो सबको ।
“”अनुनय “”यह नयन झुकाए हैं ।
आए हैं आए हैं मां शरण तुम्हारी आए हैं।।————२
राजेश व्यास अनुनय