लो आ गए हम तुम्हारा दिल चुराने को,
लो आ गए हम तुम्हारा दिल चुराने को,
गा रहे हैं गीत तुम्हें रिझाने को।
रूठी हुई है ये जमीन और आसमान भी,
देखो चांदनी आई है इन्हें मनाने को।
हम पास आएं तो दूर जाते हो तुम,
क्यों नहीं छोड़ देते तुम इस बहाने को।
आज सोच लिया है कि करीब न आयेंगे हम,
जब तक तुम न आओ बुलाने को।
कब तक करें तेरा इंतजार हम,
तरस गए हम तो तेरी इक झलक पाने को।