लोहड़ी
तुमको बोलूँ हैप्पी , लोहड़ी त्यौहार
नाचे गाये मस्त हो ,चेहरे पर बहार
दिखता पूरा वतन है , आज उमंग से पूर
धारण नूतन बसन है , दिखता चेहरे नूर
अग्नि देव को पूजते , डाले उपले आग
सजती है नारियाँ सब , भर सिन्दूर को मांग
उत्सव प्रतीक बात का, फसल रबी को काट
मूंगफली संग रेवड़ी को ,खाये सदैव बांट
अवसर ऐसा लोहड़ी, आते लोग करीब
प्रेम बढ़ाकर बनेगे , एक दूजे हबीव