Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
#6 Trending Author
Iamalpu9492
2 Followers
Follow
Report this post
7 Dec 2024 · 1 min read
लोग याद तभी करते हैं, उनकी जररूत के हिसाब से।
लोग याद तभी करते हैं, उनकी जररूत के हिसाब से।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
1 Like
· 22 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
You may also like these posts
जीवन है कोई खेल नहीं
पूर्वार्थ
युद्ध और शांति
Suryakant Dwivedi
2932.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा समीक्षा- राजीव नामदेव राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
यूँ दर्दो तड़प लिए सीने में
Mahesh Tiwari 'Ayan'
तुम्हे क्या लगता,
अमित मिश्र
शीर्षक "सद्भाव " (विस्तृत-आलेख)
Aarti Ayachit
मानव जीवन - संदेश
Shyam Sundar Subramanian
*गाथा गाओ हिंद की, अपना प्यारा देश (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
पीड़ाएँ
Niharika Verma
- मेरी कविता पढ़ रही होगी -
bharat gehlot
लोगों के रिश्तों में अक्सर "मतलब" का वजन बहुत ज्यादा होता है
Jogendar singh
सवाल खुद में, फिर एक
Dr fauzia Naseem shad
ये राम कृष्ण की जमीं, ये बुद्ध का मेरा वतन।
सत्य कुमार प्रेमी
प्रीतम के दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
काश कभी ऐसा हो पाता
Rajeev Dutta
विश्व कविता दिवस
विजय कुमार अग्रवाल
sp117 जब मानव देह
Manoj Shrivastava
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तन की शादी मन की शादी
Seema Verma
प्रेम विवाह
जय लगन कुमार हैप्पी
कविता
Nmita Sharma
राम
Madhuri mahakash
संवेदना मनुष्यता की जान है
Krishna Manshi
अपनी शक्ति पहचानो
Sarla Mehta
निर्गुण सगुण भेद
मनोज कर्ण
लक्ष्मी-पूजन का अर्थ है- विकारों से मुक्ति
कवि रमेशराज
कहीं ख्वाब रह गया कहीं अरमान रह गया
VINOD CHAUHAN
#मैथिली_हाइकु
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
Loading...