लोग भय से मुक्त हों ज्ञान गंगा युक्त हों अग्रसर होतें रहें
लोग भय से मुक्त हों ज्ञान गंगा युक्त हों अग्रसर होतें रहें साथ सब मिलकर हम चलें डगमगाये पग जो मेरे, माँ ! मुझे बरदान देना हम बने चट्टान जैसा बस यूहीं तुम ध्यान देना !!
@डॉ लक्ष्मण झा परिमल