Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Nov 2022 · 2 min read

“लोग क्या कहेंगे?”

ऋषि एक रेस्टोरेंट में एंटर होता है?
फ्रेंड्स : ओह! ऋषि तुम आ गए। हमे लगा कि तुम नही आओगे।
ऋषि : मम्मी से बहाना बना कर आया हूं। उन्हें पता चला कि मैं हुक्का बार में हूं तो..
तुषार : कम ऑन। इसमें डरने की कोई बात नही है।
करण : राइट। यह एल्कहॉल या सिगरेट थोड़े ही है? दिस इज़ हार्मलेस हुक्का।
विवेक : अरे यार, एक पफ ट्राई करो। यह रोज़ फ्लेवर हुक्का है। मज़ा आएगा।
ऋषि (मन में) : अगर इस बार मना किया तो ये मुझे डरपोक का अवार्ड दे देंगे।

वह जैसे ही ट्राई करने जाता है तभी सोसाइटी के अंकल को वहा के मैनेजर के साथ बात करते हुए देख कर ऋषि अपना मुंह छुपाता है।

ऋषि : ओह! नो, विनोद अंकल यहां भी इंटीरियर करने आ गए?
तुषार : क्या हुआ ऋषि?

ऋषि : यार मैनेजर के साथ मेरे नेबर अंकल खड़े है। अगर मुझे देख लिया तो पूरी सोसाइटी को पता चल जायेगा।
करण : कम ऑन! इसमें क्या डरना?

(( ऋषि उलझन में है उसके मन में विरोधी विचार चल रहे है ))

ऋषि मन में : हां……. मैं कहा गलत कर रहा हूं।…… सिर्फ ट्राई करने से क्या बिगड़ जायेगा?…….
नही, नही.. एक तो घर पर झूठ बोलकर आया हूं.. और हुक्का तो.. मैं क्या करूं?

(( तभी ऋषि के फोन पर नोटिफिकेशन आता है। वह पड़कर ))

ऋषि मन में : ओह! थैंक गॉड।
ऋषि फ्रैंड्स से : सॉरी दोस्त! मुझे एक अर्जेंट काम आ गया है। जाना पड़ेगा।

(( ऋषि रेस्टोरेंट के बाहर निकलता है विनोद अंकल उसे बुलाते है। ))

विनोद अंकल : हेलो ऋषि बेटा! तुम यहां?
ऋषि : बस, जा रहा हूं।
विनोद अंकल मन में : इस लड़के को मैंने थोड़ी देर पहले ही आते हुए देखा.. ऐसे अचानक क्यों वापिस जा रहा है?

((विनोद अंकल अपने फोन का नोटिफिकेशन खोलते है। ))

Today’s Quote :
“जो डर गलत काम करने से रोकता है वो डर अच्छा है।”

विनोद अंकल (स्माइल के साथ) :
राइट टाइम पर राइट समझ मिली ऋषि को।

दोस्तो, “लोग क्या कहेंगे?” यह सोचने के बजाय अपने ध्येय के अनुसार चलना चाहिए। अर्थात ध्येय के विषय में लोगो का डर रखने जैसा नहीं है। लेकिन लोगो का यही डर हमे गलत काम करने से रोके तो?.. वह डर अच्छा है। वह डर लोक-लाज के आधार से ही सही लेकिन बदनामी हो ऐसे काम करने से बचाता है।

2 Likes · 249 Views

You may also like these posts

डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
डिग्रियों का कभी अभिमान मत करना,
Ritu Verma
मौलिक विचार
मौलिक विचार
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
Udaya Narayan Singh
राखी
राखी
Ramesh Kumar Yogi
4038.💐 *पूर्णिका* 💐
4038.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
कोमलता
कोमलता
Rambali Mishra
अपने तो अपने होते हैं
अपने तो अपने होते हैं
Harminder Kaur
23)”बसंत पंचमी दिवस”
23)”बसंत पंचमी दिवस”
Sapna Arora
कलम कहती है सच
कलम कहती है सच
Kirtika Namdev
जनता  जाने  झूठ  है, नेता  की  हर बात ।
जनता जाने झूठ है, नेता की हर बात ।
sushil sarna
आम के आम, गुठलियों के दाम
आम के आम, गुठलियों के दाम
अरविन्द व्यास
जो इंसान मुसरीफ दिखे,बेपरवाह दिखे हर वक्त
जो इंसान मुसरीफ दिखे,बेपरवाह दिखे हर वक्त
पूर्वार्थ
चलता समय
चलता समय
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
अखंड भारत
अखंड भारत
कार्तिक नितिन शर्मा
#मुझे_गर्व_है
#मुझे_गर्व_है
*प्रणय*
महिला दिवस
महिला दिवस
Surinder blackpen
सरकार अपराध पर तो नियंत्रण रख सकती है पर किसी के मन पर नहीं
सरकार अपराध पर तो नियंत्रण रख सकती है पर किसी के मन पर नहीं
Rj Anand Prajapati
तरु वे छायादार
तरु वे छायादार
RAMESH SHARMA
जरूरत से ज्यादा
जरूरत से ज्यादा
Ragini Kumari
विषय- सत्य की जीत
विषय- सत्य की जीत
rekha mohan
वो हमें भूल ही नहीं सकता
वो हमें भूल ही नहीं सकता
Dr fauzia Naseem shad
ग्रीष्म ऋतु
ग्रीष्म ऋतु
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
*अभिनंदन के लिए बुलाया, है तो जाना ही होगा (हिंदी गजल/ गीतिक
*अभिनंदन के लिए बुलाया, है तो जाना ही होगा (हिंदी गजल/ गीतिक
Ravi Prakash
"हाल "
Dr. Kishan tandon kranti
भारत के जोगी मोदी ने --
भारत के जोगी मोदी ने --
Seema Garg
नींद आती है......
नींद आती है......
Kavita Chouhan
तेरा
तेरा "आप" से "तुम" तक आना यक़ीनन बड़ी बात है।
शशि "मंजुलाहृदय"
बच्चे
बच्चे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
घृणा के बारे में / मुसाफ़िर बैठा
घृणा के बारे में / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
शीत
शीत
Mahesh Tiwari 'Ayan'
Loading...