लोग कहते हैं खास ,क्या बुढों में भी जवानी होता है।
लोग कहते हैं खास ,क्या बुढों में भी जवानी होता है।
अरे सच बताऊं यारों ,घायल शेर भी दहाड़ रोता है।।
न करना कभी विश्वास,इनके पके पके बालों में
सपनों मे भी रहता है हाथ, चंद्रमुखी के गालों में ।।
कवि मंच पर बैठकर , श्रृंगार रस का बीज बोता है
अरे सच बताऊं यारों,घायल शेर भी दहाड़ रोता है।।
न करना कभी विश्वास इनके, डगमगाते हुए पैरो पर
अरे अखियां लगाते हैं ये लोग,घायल हुए शेरनियों पर
जिंदा लाश बनकर भी, इनके दिल पर इश्क़ होता है
अरे सच बताऊं यारों, घायल शेर भी दहाड़ कर रोता है।।
टुटे हुए दांतों पर, लड़ खड़ाते हुए बातों पर न करना विश्वास।
मृत्यु शैय्या पर सोते हुए भी रखता है, चंद्रमुखी का आश।।
पड़ी आंखों में झांझर इनके,अशक्त निर्बल भी होता है।
अरे सच बताऊं यारों, घायल शेर भी दहाड़कर रोता है।।
इश्क के चक्कर में,ये लोग,अपनी सारी उम्र खोता है
पकड़ गये तो जेल हुआ,पर आशाराम बहुत होता है
टीप,,कवि भाव से लिखा गया है।।
डां विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग ज़िला रायपुर छ ग