Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2024 · 1 min read

लोगो की नजर में हम पागल है

लोगो की नजर में हम पागल है
हमें पागल रहने दो
ताकि पता चल सके उनके पिताजी अपने कर्मो से बादल है
अब तो उन्हे बादल कह लेने दो

118 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इश्क़-ए-फन में फनकार बनना हर किसी के बस की बात नहीं होती,
इश्क़-ए-फन में फनकार बनना हर किसी के बस की बात नहीं होती,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक कलाकार/ साहित्यकार को ,
एक कलाकार/ साहित्यकार को ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
घनाक्षरी
घनाक्षरी
Suryakant Dwivedi
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
चोर उचक्के बेईमान सब, सेवा करने आए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
दोस्त, दोस्त तब तक रहता है
दोस्त, दोस्त तब तक रहता है
Ajit Kumar "Karn"
सुदामा जी
सुदामा जी
Vijay Nagar
*प्यार भी अजीब है (शिव छंद )*
*प्यार भी अजीब है (शिव छंद )*
Rituraj shivem verma
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
काव्य-अनुभव और काव्य-अनुभूति
कवि रमेशराज
दोस्तों की महफिल में वो इस कदर खो गए ,
दोस्तों की महफिल में वो इस कदर खो गए ,
Yogendra Chaturwedi
నమో గణేశ
నమో గణేశ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
खेतों में हरियाली बसती
खेतों में हरियाली बसती
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जाये तो जाये कहाँ, अपना यह वतन छोड़कर
जाये तो जाये कहाँ, अपना यह वतन छोड़कर
gurudeenverma198
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
अब तो रिहा कर दो अपने ख्यालों
शेखर सिंह
"दूरी के माप"
Dr. Kishan tandon kranti
23/196. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/196. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जाति-धर्म
जाति-धर्म
लक्ष्मी सिंह
"I'm someone who wouldn't mind spending all day alone.
पूर्वार्थ
पतंग को हवा की दिशा में उड़ाओगे तो बहुत दूर तक जाएगी नहीं तो
पतंग को हवा की दिशा में उड़ाओगे तो बहुत दूर तक जाएगी नहीं तो
Rj Anand Prajapati
इससे बढ़कर पता नहीं कुछ भी ।
इससे बढ़कर पता नहीं कुछ भी ।
Dr fauzia Naseem shad
बख्श मुझको रहमत वो अंदाज मिल जाए
बख्श मुझको रहमत वो अंदाज मिल जाए
VINOD CHAUHAN
बहकते हैं
बहकते हैं
हिमांशु Kulshrestha
..
..
*प्रणय*
मैं तो अंहकार आँव
मैं तो अंहकार आँव
Lakhan Yadav
चलो   बहें   सनातनी  सुपंथ  के  बयार  में।
चलो बहें सनातनी सुपंथ के बयार में।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कभी अंधेरे में हम साया बना हो,
कभी अंधेरे में हम साया बना हो,
goutam shaw
कनि कहियौ ने श्रीमान..!
कनि कहियौ ने श्रीमान..!
मनोज कर्ण
तू मेरी मैं तेरा, इश्क है बड़ा सुनहरा
तू मेरी मैं तेरा, इश्क है बड़ा सुनहरा
SUNIL kumar
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आ रदीफ़ ## कुछ और है
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आ रदीफ़ ## कुछ और है
Neelam Sharma
*इस कदर छाये जहन मे नींद आती ही नहीं*
*इस कदर छाये जहन मे नींद आती ही नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...