Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jul 2022 · 1 min read

लोकतंत्र के पहरेदार

सोते रहो
तुम सोते रहो
गफलत की
नींद में
सोते रहो!
रोते रहो
तुम रोते रहो
अपनी
क़िस्मत पर
रोते रहो!!
बने हुए हैं
जो कुछ लोग
आज
पहरेदार
लोकतंत्र के!
खोते रहो
तुम खोते रहो
एक-एक
कर सबको
खोते रहो!!
कुछ मत कहना
कुछ मत करना
चाहे कुछ भी
देश में
हो जाए!
ढ़ोते रहो
तुम ढ़ोते रहो
अपना
सलीब तुम
ढ़ोते रहो!!
तुम्हारी यह
मुर्दादिली
तुम्हारे
भविष्य को
खा जाएगी!
बोते रहो
तुम बोते रहो
अपने लिए
कांटे
बोते रहो!!
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#ReleaseAllPoliticalPrisoners
#fatherstanswami #हल्लाबोल

Language: Hindi
122 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मैं अपने बिस्तर पर
मैं अपने बिस्तर पर
Shweta Soni
"शिक्षा"
Dr. Kishan tandon kranti
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
कल रात सपने में प्रभु मेरे आए।
Kumar Kalhans
आप सिर्फ सफलता का मानसिकता रखे बस आप खुद को सफल चित्र में दे
आप सिर्फ सफलता का मानसिकता रखे बस आप खुद को सफल चित्र में दे
पूर्वार्थ
चन्द्रमा
चन्द्रमा
Dinesh Kumar Gangwar
तलास है उस इंसान की जो मेरे अंदर उस वक्त दर्द देख ले जब लोग
तलास है उस इंसान की जो मेरे अंदर उस वक्त दर्द देख ले जब लोग
Rituraj shivem verma
तुम्हारी चाहतों का दामन जो थामा है,
तुम्हारी चाहतों का दामन जो थामा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रोजगार मिलता नहीं,
रोजगार मिलता नहीं,
sushil sarna
मेरे पिताजी
मेरे पिताजी
Santosh kumar Miri
वो अपने दर्द में उलझे रहे
वो अपने दर्द में उलझे रहे
Sonam Puneet Dubey
हे माँ अम्बे रानी शेरावाली
हे माँ अम्बे रानी शेरावाली
Basant Bhagawan Roy
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।
Phool gufran
*बहुत अच्छाइ‌याँ हैं, मन्दिरों में-तीर्थ जाने में (हिंदी गजल
*बहुत अच्छाइ‌याँ हैं, मन्दिरों में-तीर्थ जाने में (हिंदी गजल
Ravi Prakash
सूली का दर्द बेहतर
सूली का दर्द बेहतर
Atul "Krishn"
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
बिखरे सपने
बिखरे सपने
Kanchan Khanna
अभिनेत्री वाले सुझाव
अभिनेत्री वाले सुझाव
Raju Gajbhiye
■ सवालिया शेर।।
■ सवालिया शेर।।
*प्रणय प्रभात*
(कहानी)
(कहानी) "सेवाराम" लेखक -लालबहादुर चौरसिया लाल
लालबहादुर चौरसिया लाल
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
राहुल रायकवार जज़्बाती
लड़का पति बनने के लिए दहेज मांगता है चलो ठीक है
लड़का पति बनने के लिए दहेज मांगता है चलो ठीक है
शेखर सिंह
4434.*पूर्णिका*
4434.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पिता
पिता
Dr. Rajeev Jain
"आधुनिक नारी"
Ekta chitrangini
तू
तू
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
प्रभु श्री राम
प्रभु श्री राम
Mamta Singh Devaa
भूलने की
भूलने की
Dr fauzia Naseem shad
लेखन की पंक्ति - पंक्ति राष्ट्र जागरण के नाम,
लेखन की पंक्ति - पंक्ति राष्ट्र जागरण के नाम,
Anamika Tiwari 'annpurna '
हिन्दी ग़ज़लः सवाल सार्थकता का? +रमेशराज
हिन्दी ग़ज़लः सवाल सार्थकता का? +रमेशराज
कवि रमेशराज
*एक मां की कलम से*
*एक मां की कलम से*
Dr. Priya Gupta
Loading...