लैला-मजनूं
“मुझे चाहे
सूली चढ़ा दें
या दीवार
में चुनवा दें!
दूसरे की
मैं हो न सकूंगी
कायम हैं
जब तक सांसें!!”
वाइज के
समझाने पर
बड़े नाज़ से
लैला बोली-
“मजनूं के
चाक गिरेवां पे
कुर्बान हैं
शाही लिबासें!!”
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
#feminism