ले बुद्धों से ज्ञान
ले बुद्धों से ज्ञान
रे पगले
ले सिद्धों से ज्ञान…
(१)
आख़िर कब तक रहेगा सोया
झूठ-मुठ के सपनों में खोया
अपने को पहचान
रे पगले
अपनों को पहचान…
(२)
दुनिया है जब रैन बसेरा
ना कुछ तेरा ना कुछ मेरा
फिर कैसा अभिमान
रे पगले
फिर कैसा अभिमान…
(३)
मौत जिस दिन आएगी
सब कुछ छिन ले जाएगी
हो जा अभी सावधान
रे पगले
हो जा यहीं सावधान…
(४)
अपने-बेगाने सभी यहां
नए-पुराने सभी यहां
एक पल के मेहमान
रे पगले
एक क्षन के मेहमान…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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