*लेडीज मच्छर कान के जो, पास में गाने लगी(हास्य मुक्तक)*
लेडीज मच्छर कान के जो, पास में गाने लगी(हास्य मुक्तक)
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ठंड का मौसम गया, चुहिया नजर आने लगी
छिपकली मुँह खोलकर, कीड़ों को फिर खाने लगी
नींद रातों की उड़ी, जिसकी वजह से आजकल
लेडीज मच्छर कान के जो, पास में गाने लगी
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451