Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Mar 2022 · 2 min read

लेख

विषय संस्कार

विधा :-लेख
आमतौर पर संस्कार से आशय व्यक्ति के आहार ,व्यवहार से लिया जाता है ।उसका रहन सहन ,खानपान भी अक्सर हम सब संस्कार से जोड़ते हैं ।यहाँ सँक्षिप्त में संस्कार को परिभाषित करती हूँ।
संस्कार का अर्थ होता है सृजित करना ।कैसे?कुम्हार मिट्टी के लौंधे से विभिन्न आकार -प्रकार के जरुरत की चीजें बनाता है ।पानी डाल कर बार बार आकार देता है ।सम्हालता है ।यही तो है संस्कार ।बिगड़ी को किस तरह बनाना है यही है संस्कार।
व्यवहार में देखे तो माता पिता के द्वारा दिये संस्कार से देखते हैं ।पर ये भूल जाते हैं पूर्वोपार्जित कर्म भी यहाँ काम करते हैं।किसी सज्जन माता पिता की संतान चोर ,स्मगलर बन जाती है ।क्या माँबाप ये संस्कार देते हैं ?
एक पत्थर को जब तक संस्कार नहीं दिये जाते वह प्रतिमा बन के पूज्य नहीं होती। इसका अर्थ यही है कि पत्थर में प्रतिमा बनने की योग्यता तो थी पर संस्कार का अभाव होने से प्रस्तर रूप ही रह गया।
अब आते हैं उन संस्कारों पर जो लोक व्यवहार में दिखते हैं ।
हमारे व्यवहार ,बोल चाल ,उठना बैठना ,खाने पीने का सलीका ..जीवनयापन का ढंग के साथ हमारी सोच की भी संस्कार में गणना होती है।हम हमारे आसपास के परिवेश से जो गृहण करते हैं तत्पश्चात वही हमारे व्यवहार में झलकता है।
संस्कारित जीवन हमेशा उर्ध्वगामी होता है जिस से आशय है परदुखकातरता,जरुरतमंद की मदद करना ,बड़ों का सम्मान ,आदि ..
संस्कार गर्भ से शुरू हो जाते हैं और मरण तक रहते हैं ।
प्राचीन काल में 56संस्कार होते थे एक व्यक्ति के जीवन में ।तब वह दृढ़ चरित्रवान ,निष्ठावान ,सत्यवान आदि गुणों से परिपूर्ण अपने जाति कुल की मर्यादा का परचम फहराता था ।
तो संक्षेप में यही है संस्कार।🙏

मनोरमा जैन पाखी

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 160 Views

You may also like these posts

भावों का भोर जब मिलता है अक्षरों के मेल से
भावों का भोर जब मिलता है अक्षरों के मेल से
©️ दामिनी नारायण सिंह
समय भी दो थोड़ा
समय भी दो थोड़ा
Dr fauzia Naseem shad
गंगनाँगना छंद विधान ( सउदाहरण )
गंगनाँगना छंद विधान ( सउदाहरण )
Subhash Singhai
लाया था क्या साथ जो, ले जाऊँगा संग
लाया था क्या साथ जो, ले जाऊँगा संग
RAMESH SHARMA
शिक्षक
शिक्षक
Kanchan verma
मार्गदर्शन होना भाग्य की बात है
मार्गदर्शन होना भाग्य की बात है
Harminder Kaur
श्री राम का जीवन– संवेदना गीत।
श्री राम का जीवन– संवेदना गीत।
Abhishek Soni
थमा गया
थमा गया
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
आ जा अब तो शाम का मंज़र भी धुँधला हो गया
आ जा अब तो शाम का मंज़र भी धुँधला हो गया
Sandeep Thakur
ना ढूंढ मोहब्बत बाजारो मे,
ना ढूंढ मोहब्बत बाजारो मे,
शेखर सिंह
मौत
मौत
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
पथ प्रदर्शक पिता
पथ प्रदर्शक पिता
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
6. GREAT MOTHER ( An Acrostic Poem )
6. GREAT MOTHER ( An Acrostic Poem )
Ahtesham Ahmad
कवि गुरू रबीन्द्रनाथ टैगोर
कवि गुरू रबीन्द्रनाथ टैगोर
goutam shaw
आबाद हो गया गांव
आबाद हो गया गांव
Sudhir srivastava
" असर "
Dr. Kishan tandon kranti
विवश मन
विवश मन
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
#लघुकथा
#लघुकथा
*प्रणय*
Change
Change
पूर्वार्थ
बेटियां
बेटियां
Surinder blackpen
लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत
लुट गए अरमान तो गम हमें होगा बहुत
VINOD CHAUHAN
इस क़दर उलझा हुआ हूं अपनी तकदीर से,
इस क़दर उलझा हुआ हूं अपनी तकदीर से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जन्माष्टमी महोत्सव
जन्माष्टमी महोत्सव
Neeraj Agarwal
तेरा मेरा वो मिलन अब है कहानी की तरह।
तेरा मेरा वो मिलन अब है कहानी की तरह।
सत्य कुमार प्रेमी
ज़बान
ज़बान
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
मेरी लाज है तेरे हाथ
मेरी लाज है तेरे हाथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
बालबीर भारत का
बालबीर भारत का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मोड़   आते   रहे   कहानी   में
मोड़ आते रहे कहानी में
Dr Archana Gupta
कुछ ही दिन में दिसंबर आएगा,
कुछ ही दिन में दिसंबर आएगा,
Jyoti Roshni
Loading...