Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jul 2019 · 2 min read

लेख

क्यूँ पूछते हो ‘सनम’ क्या है हाल तेरा
काफूर बस होने को ही है जलाल मेरा ;
सभी मुस्लिम औरतों को बधाई, तीन तलाक बिल के पास होने पर। हाय कितनी खुश होंगी आज वो सब मिठाइयाँ बट रही होंगी मजा है। करो मजा बस ध्यान रखना बहनों शुगर न बढ़ जाय ज्यादा मीठा खाने से।
वैसे गजब का दिल है सत्ताधीशों का मुस्लिम महिलाओं से इतना प्रेम ? हिन्दू महिलाएं काटने को आती हैं क्या ? उनका क्यूँ नहीं सोचते ? बलात्कार और हत्या के मामले में तो समझ आता है क्या करें वो लोग भी सारे बलात्कारी और हत्यारे तो उन्हीं के खेमे में हैं तो कर भी क्या सकते हैं ? मगर तलाक बाले मामले में तो कर ही सकते थे… अरे ना रे वो भी नहीं कर सकते उस में भी अपनी ही गर्दन फसने का डर है। खैर छोड़ें…
हाँ तो बहनों ज्यादा मीठा हो गया हो तो थोड़ा करेला भी चखो ; रविवार को जिस युवक अब्दुल खालिक को जला दिया गया था उस की मौत हो चुकी है। सुन कर मजा दोगुना हुआ या नहीं ? हाँ आना भी चाहिए लो ऐसे मजे तो मिलते ही रहेंगे लेती रहा करो।
मुझे तो समझ में ही नहीं आ रहा मुस्लिम महिलाओं के लिए तो ये दौर और अच्छा है क्यूँ कि सत्ता धारी इस काल में सबसे ज्यादा प्रेम तो उन्ही से करते हैं और सबसे ज्यादा नफ़रत मुस्लिम पुरुषों से तो सोचो उन्हें तलाक के झंझट में परने की जरूरत ही नहीं बस किसी तरह धर्म के ठेकेदारों तक बात पहुचानी ही तो है कि फ्ला इंसान से राम नाम के नारे लगवाओ न लगाए तो मार डालो जला दो काट दो कुछ भी। सब हो सकता है परेशानी क्या है वैसे भी जब तीन साल पति जेल में रहेगा तो खिलायेगा कौन आप लोगों को पढ़ने लिखने और रोजगार में तो आप लोगों को पहले से ही पिछले के पिछले खाने में धकेला गया है और कमाने वाला जेल चला गया तो क्या करोगी ? अभी हाल फिलहाल में एक रिपोर्ट देख रही थी उस से पता चला इन पांच सालों में सबसे ज्यादा मुस्लिम लडकिया पढ़ाई अधूरी छोड़ कर घर बैठ गई हैं और 25 ग्रेजुएट लड़कियों में सिर्फ एक मुस्लिम होती हैं। तो एक तो वैसे ही बेरोजगारी चरम पे है और अशिक्षित महिलाएं करेंगी क्या ? सोचो मेरा क्या जाता है।
लेकिन अब आप लोगों का काम हो ही गया है तो हम हिन्दू महिलाओं की आवाज भी साहेब तक पहुंचा ही दो आप लोग आप लोगों की ही सुनते है। हिदुं मर्द और भी जितने धर्म के लोग भारत में रहते हैं उन मर्दों को भी साहेब जरा साधे न जो अपनी बीबियों को बिना तलाक दिए भाग जाते हैं। वो औरतें तो न घर की रहती है न घाट की। न शादी सुदा न तलाक सुदा। खैर छोड़ो इस में भी तो साहेब ही फसेंगे, मजे लो… जय हो
…सिद्धार्थ

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 1 Comment · 310 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
“शिक्षा के दीपक”
“शिक्षा के दीपक”
Yogendra Chaturwedi
बुंदेली दोहा-गर्राट
बुंदेली दोहा-गर्राट
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हर राह सफर की।
हर राह सफर की।
Taj Mohammad
जी20
जी20
लक्ष्मी सिंह
झूठ बोल नहीं सकते हैं
झूठ बोल नहीं सकते हैं
Sonam Puneet Dubey
जब टूटा था सपना
जब टूटा था सपना
Paras Nath Jha
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
23/191.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/191.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यादों की महफिल सजी, दर्द हुए गुलजार ।
यादों की महफिल सजी, दर्द हुए गुलजार ।
sushil sarna
सिय का जन्म उदार / माता सीता को समर्पित नवगीत
सिय का जन्म उदार / माता सीता को समर्पित नवगीत
ईश्वर दयाल गोस्वामी
मेरे अल्फाजों के
मेरे अल्फाजों के
हिमांशु Kulshrestha
फ़र्ज़ ...
फ़र्ज़ ...
Shaily
"कंजूस"
Dr. Kishan tandon kranti
बहुत फ़र्क होता है जरूरी और जरूरत में...
बहुत फ़र्क होता है जरूरी और जरूरत में...
Jogendar singh
हे मात भवानी...
हे मात भवानी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
गुनगुनाने यहां लगा, फिर से एक फकीर।
गुनगुनाने यहां लगा, फिर से एक फकीर।
Suryakant Dwivedi
ये रब की बनाई हुई नेमतें
ये रब की बनाई हुई नेमतें
Shweta Soni
अकेलापन
अकेलापन
Neeraj Agarwal
हरीतिमा हरियाली
हरीतिमा हरियाली
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जीवन यात्रा
जीवन यात्रा
विजय कुमार अग्रवाल
शिव स्तुति महत्व
शिव स्तुति महत्व
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
आज उम्मीद है के कल अच्छा होगा
आज उम्मीद है के कल अच्छा होगा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
यहाँ सब काम हो जाते सही तदबीर जानो तो
यहाँ सब काम हो जाते सही तदबीर जानो तो
आर.एस. 'प्रीतम'
दो
दो
*प्रणय*
*होता अति आसान है, निराकार का ध्यान (कुंडलिया)*
*होता अति आसान है, निराकार का ध्यान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
वो सफ़र भी अधूरा रहा, मोहब्बत का सफ़र,
वो सफ़र भी अधूरा रहा, मोहब्बत का सफ़र,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैंने खुद की सोच में
मैंने खुद की सोच में
Vaishaligoel
नारी शक्ति
नारी शक्ति
भरत कुमार सोलंकी
जिन्दगी परिणाम कम परीक्षा ज्यादा लेती है,खुशियों से खेलती बह
जिन्दगी परिणाम कम परीक्षा ज्यादा लेती है,खुशियों से खेलती बह
पूर्वार्थ
आप हम से ख़फ़ा नहीं होना।
आप हम से ख़फ़ा नहीं होना।
Dr fauzia Naseem shad
Loading...