Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2024 · 2 min read

लेखनी का सफर

कुछ कर गुजरने का जुनून
दोस्तों ये बात तब की है,जब में इस बेरंग दुनिया की उलझनों में कहीं खोया हुआ था,अपनी विशिष्ट पहचान बनाने के सपने के साथ दुनियां की ज़द्दोजहद़ में खोया हुआ था, हमेशा एक ही बात दिमाग में आती थी और सोचता था कि हर आदमी अपनी असली जिंदगी में हीरो है, बस सबकी फिल्म ही रिलीज नहीं होती, सिर्फ एक चाहत हमेशा से दिल के कोने में रहती थी कुछ कर दिखाने का, जोश, जुनून और जज्बा था एक अपनी खुद़ की पहचान बनाने का। पता नही कब, कहाँ, कैसे और कौन से वक्त शब्दों से खेलने का खुमार चढा, जिसमें आप सब जैसे दोस्तों ने साथ दिया, और हौसला भी बुलंद किया, उन बुलंद हौसलों ने मेरी कलम और शब्दों में इतनी ताकत भरी, कि ये जुनून सा बनने लगा, अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाने का। सपने संजोए कुछ अरमान मेरे मचलने लगे। बस एक ही बात दिल को हर वक्त सुनाई देती थी कि कोई नामुमकिन सी बात को तू मुमकिन तो करके दिखा, खुद पहचान लेगा जमाना, तू भीड़ में अलग चलकर तो दिखा। फिर मेरे एक अजीज दोस्त ने कहा, कि हौसलें बुलंद कर रास्तों पर चल दे, तुझे तेरा मुकाम मिल जायेगा, बढ कर अकेला तू पहल कर, देख कर तुझको काफिला खुद ब खुद बन जायेगा।
तू हिम्मत तो जुटा, बस हमेशा यही बात याद आती कि जो सफर की शुरुआत करते हैं वो मंजिल पा ही लेते हैं। बस एक पत्थर तो फेंको यार, बस तभी मेरी अंतरआत्मा एक ज्वलंत तीब्र इच्छा के साथ बार बार यह एहसास दिला रही थी कि अपने इस सपने में इतनी आग भर दो कि ये आग हमेशा आपको अपने लक्ष्य को पाने के लिए जलाती रहे। क्योंकि में जानता था कि दुनिया में एक इंसान की सबसे शक्तिशाली ताकत उसकी अपनी ज्वलंत अंतरात्मा है, जो उसको प्रेरित करती रहती है, ये वादा रहा दोस्तो, इन शब्दों को ऐसे पंख लगाऊंगा कि एक अलग ही इतिहास रचाऊंगा। कलम की दुनियां में एक ऐसा नाम बनाऊंगा, कि किताबों के शब्द-कोष में एक विशेष मुकाम बनाऊंगा।
सुनील माहेश्वरी

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 114 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मां बाप
मां बाप
Mukesh Kumar Sonkar
बहते हुए पानी की तरह, करते हैं मनमानी
बहते हुए पानी की तरह, करते हैं मनमानी
Dr.sima
शाख़ ए गुल छेड़ कर तुम, चल दिए हो फिर कहां  ,
शाख़ ए गुल छेड़ कर तुम, चल दिए हो फिर कहां ,
Neelofar Khan
मेहनत की कमाई
मेहनत की कमाई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
धनतेरस के अवसर पर ,
धनतेरस के अवसर पर ,
Yogendra Chaturwedi
यादों के अभिलेख हैं , आँखों  के  दीवान ।
यादों के अभिलेख हैं , आँखों के दीवान ।
sushil sarna
वो ख़ुद हीे शराब-ए-अंगूर सी महक रही है ,
वो ख़ुद हीे शराब-ए-अंगूर सी महक रही है ,
Shreedhar
Trải nghiệm thế giới casino đỉnh cao với hàng ngàn trò chơi
Trải nghiệm thế giới casino đỉnh cao với hàng ngàn trò chơi
Vin88
तुम अगर साथ हो तो...
तुम अगर साथ हो तो...
TAMANNA BILASPURI
बहुत ख्वाहिश थी ख्वाहिशों को पूरा करने की
बहुत ख्वाहिश थी ख्वाहिशों को पूरा करने की
VINOD CHAUHAN
रमेशराज की कहमुकरियां
रमेशराज की कहमुकरियां
कवि रमेशराज
तेरा ही हाथ है कोटा, मेरे जीवन की सफलता के पीछे
तेरा ही हाथ है कोटा, मेरे जीवन की सफलता के पीछे
gurudeenverma198
पुस्तक समीक्षा- राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
पुस्तक समीक्षा- राना लिधौरी गौरव ग्रंथ
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
4035.💐 *पूर्णिका* 💐
4035.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
फलों से लदे वृक्ष सब को चाहिए, पर बीज कोई बनना नहीं चाहता। क
फलों से लदे वृक्ष सब को चाहिए, पर बीज कोई बनना नहीं चाहता। क
पूर्वार्थ
सफलता का सोपान
सफलता का सोपान
Sandeep Pande
Mental Health
Mental Health
Bidyadhar Mantry
भक्ति गीत
भक्ति गीत
Arghyadeep Chakraborty
मेरे अशआर
मेरे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
*योग (बाल कविता)*
*योग (बाल कविता)*
Ravi Prakash
तुम्हारा हर लहज़ा, हर अंदाज़,
तुम्हारा हर लहज़ा, हर अंदाज़,
ओसमणी साहू 'ओश'
भरम
भरम
Shyam Sundar Subramanian
कान का कच्चा
कान का कच्चा
Dr. Kishan tandon kranti
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमा
मेरा हमेशा से यह मानना रहा है कि दुनिया में ‌जितना बदलाव हमा
Rituraj shivem verma
बिना मांगते ही खुदा से
बिना मांगते ही खुदा से
Shinde Poonam
क्या आसमां और क्या जमीं है,
क्या आसमां और क्या जमीं है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अच्छा कार्य करने वाला
अच्छा कार्य करने वाला
नेताम आर सी
इंटरनेट
इंटरनेट
Vedha Singh
G
G
*प्रणय*
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
संजय कुमार संजू
Loading...