Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Mar 2019 · 1 min read

लेखक की आत्महत्या

दिनांक 29/3/19

उसने नया नया लिखना शुरू किया था । बहुत उत्साहित थी वो ।
सम्पादक के रूप में पत्रिका के लिए रचनाएँ अधिक आने पर रचनाओं का चयन करते समय सामान्यतः पहली बार सरसरी निगाह से पहले रचना पढ़कर छाँटी जाती हैं, फिर कुछ व्यवहारिक और कुछ अव्यवहारिक आधार पर अंतिम चयन किया जाता है । हाँ याद आया उसका नाम रमिया था, थोड़ा अलग सा ।
संभवतः वह दूसरी जगह भी रचनाएँ भेज रही हो , लेकिन छप नहीं रही हो ।
अब उसकी शुरू की रचनाओं में जो उत्साह था अब निराशा में बदलता जा रहा था ।
एक रचना में उसने लिखा था :
” बहुत भाग्यशाली होते हैं वो, जो लेखन के क्षेत्र में जल्दी ही बुलंदियों को छूते है , बिना किसी सहारे के अब लेखन में खड़े रहना मुश्किल सा है , अतः विराम देना उचित होगा । ”
मुझे लगा इस तरह कितने ही लेखक नाम और सहारे के बिना आत्महत्या कर लेते है ।
आखिर मैंने रमिया की एक रचना आगामी अंक में प्रकाशित कर दी । मैंने अन्दाजा लगाया अब उसकी खुशी का ठिकाना नहीं होगा । शायद मैंने एक लेखक को लेखन के क्षेत्र में आत्महत्या करने से रोक लिया था ।

संभवतः मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था ।

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
2 Likes · 352 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
रमेशराज के दस हाइकु गीत
रमेशराज के दस हाइकु गीत
कवि रमेशराज
जब लोग आपसे खफा होने
जब लोग आपसे खफा होने
Ranjeet kumar patre
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
कम्बखत वक्त
कम्बखत वक्त
Aman Sinha
साज सजाए बैठा जग के, सच से हो अंजान।
साज सजाए बैठा जग के, सच से हो अंजान।
डॉ.सीमा अग्रवाल
राम की मंत्री परिषद
राम की मंत्री परिषद
Shashi Mahajan
आहिस्ता चल
आहिस्ता चल
Dr.Priya Soni Khare
मोहब्बत
मोहब्बत
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
ह्रदय
ह्रदय
Monika Verma
जिंदगी के कुछ चैप्टर ऐसे होते हैं,
जिंदगी के कुछ चैप्टर ऐसे होते हैं,
Vishal babu (vishu)
राधा कृष्ण होली भजन
राधा कृष्ण होली भजन
Khaimsingh Saini
😢😢
😢😢
*प्रणय प्रभात*
माता पिता के श्री चरणों में बारंबार प्रणाम है
माता पिता के श्री चरणों में बारंबार प्रणाम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
Sunil Suman
चम-चम चमके चाँदनी
चम-चम चमके चाँदनी
Vedha Singh
लहर आजादी की
लहर आजादी की
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए
फिर से अपने चमन में ख़ुशी चाहिए
Monika Arora
चीर हरण ही सोचते,
चीर हरण ही सोचते,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जै जै अम्बे
जै जै अम्बे
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
इश्क अमीरों का!
इश्क अमीरों का!
Sanjay ' शून्य'
स्वार्थी नेता
स्वार्थी नेता
पंकज कुमार कर्ण
*दादी चली गई*
*दादी चली गई*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
चिड़िया रानी
चिड़िया रानी
नन्दलाल सुथार "राही"
चोंच से सहला रहे हैं जो परों को
चोंच से सहला रहे हैं जो परों को
Shivkumar Bilagrami
जीवन के लक्ष्य,
जीवन के लक्ष्य,
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
मजदूर औ'र किसानों की बेबसी लिखेंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
"ओखली"
Dr. Kishan tandon kranti
2477.पूर्णिका
2477.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
तत्काल लाभ के चक्कर में कोई ऐसा कार्य नहीं करें, जिसमें धन भ
तत्काल लाभ के चक्कर में कोई ऐसा कार्य नहीं करें, जिसमें धन भ
Paras Nath Jha
आड़ी तिरछी पंक्तियों को मान मिल गया,
आड़ी तिरछी पंक्तियों को मान मिल गया,
Satish Srijan
Loading...