लेकर फेरे सात
हुए बरस अब तीस पर,लगती कल की बात!
लाया था अनजान को,…लेकर फेरे सात!!
मिले नेह के तार तो, बनी हमारी बात!
वर्ष हुए है तीस अब ,लेकर फेरे सात! !
वैवाहिक विश्वास का, तब पहना था ताज!
साल हुए हैं तीस अब,…लेकर फेरे आज!!
रमेश शर्मा
30.06.2017