“ लूकिंग टू लंदन एण्ड टाकिंग टू टोकियो “
( मैथिली व्यंग )
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
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ओना फेसबूक क रंगमंच पर एक सं एक दिगज अभिनेता ,चरित्र अभिनेता ,हास्य अभिनेता ,अभिनेत्री ,श्रेष्ठ कलाकार ,दिग्दर्शक ,कैमरमैन ,संगीतज्ञ ,गायक ,नृत्य निर्देशक ,गीतकार इत्यादि सब सफल प्रस्तुति सं सफल बॉक्स ऑफिस हिट चलचित्रक निर्माण करैत छथि ! हिनका लोकनिक साक्षात योगदान आ अथक परिश्रम सं फेसबूकक रंगमंच चमकैत रहैत अछि !
इ त सत्य अछि कि बहुतो लोकनि क उत्कंठा फेसबूकक रंगमंच पर आनि ठाढ़ क देलनि मुदा हुनक उत्कंठा नामांकन धरि सीमित रहल ! नहि धनुर्धर बनलहूँ नहि सिखबाक प्रयास केलनि ! बनि गेलाह सूत्रधार , मेकप मेन ,स्टन्ट मेन इत्यादि ! नेपथ्य मे रहितो हिनकर योगदान क महत्व कम नहि छनि ! यदा -कदा हिनकर उपस्थिति फेसबूक क पृष्ठ केँ नव परिधान आ शृंगार सं सुसज्जित करैत रहित छथि ! मुदा अधिकाशतः लोक अपन नामांकन करा ,मित्र बनि पाताल- लोक मे विलीन भ जाइत छथि !
कुंभकरण छः मास सुतैत छल आ जगे छल छः मास ! रावण अपन विवेक सं कुम्भकर्णक उपयोग करैत छल ! अधिकाशतः फेसबूक क मित्र लोकनि एक बरख सुतल रहैत छथि ! अप्पन -अप्पन जन्म -दिन ,विवाहक बर्षगाँठ ,मुड़न ,उपनयन ,गृह प्रवेश ,पुस्तक विमोचन ,पुरस्कार वितरण ,विध्यापति समारोह इत्यादि मे एहन लोक सब फुरफुरा केँ उठि जेताह आ पुनः विलीन भ जेताह ! अपन रक्षा हेतु एहन लोकनि सब कर्णक कबच कुंडल सहो पहिरने रहित छथि !
वो कहता , “ हम व्यस्त रहित छी …..हम कोनो अकाजक ( नल्ला ) छी ? नौकरी अछि ,बच्चा -बूचि अछि ,कनियाँ छथि इत्यादि -इत्यादि ! “
कियो आर कहता , “ आहाँ की बुझब ? हमरा इ विचित्र यंत्र चलबय नहि अबया ! …..मोबाईल खराब भ गेल ….कंप्युटर हैक भ गेल ,इत्यादि -इत्यादि !”
आब फेसबूक रंगमंचक दर्शकक संख्या असीमित अछि ! हिनक उपस्थिति एकटा नवीन ऊर्जा क संचालन करैत अछि ! हिनक उत्साहवर्धक ढ़ाड़स ,प्रोत्साहन ,पीहकारी ,शोर ,वाह -वाह आ ताली क प्रतिध्वनि सं सक्रिय अभिनेता ,चरित्र अभिनेता ,हास्य अभिनेता ,अभिनेत्री ,श्रेष्ठ कलाकार ,दिग्दर्शक ,कैमरमैन ,संगीतज्ञ ,गायक ,नृत्य निर्देशक ,गीतकार इत्यादि संजीवनी क कार्य करैत छथि ! मुदा कखनो-कखनो हमरा लोकनि “ गोनू झा “ बनि जाइत छी ! विषय किछु रहए परंच हुनकर “ ऊँघायल कमेन्ट “ बद्द मर्मभेदी होइत छनि ! आब देखू हम आइ इ विषय “ लूकिंग टू लंदन एण्ड टाकिंग टू टोकियो “ पर गप्प क रहल छी !
बहुतो लोकनि लिखताह —-
“ जय मिथिला,
“जय भवानी ,”
“जय हो “
“ जय संतोषी माता ,”
“जय श्री राम “
इत्यादि इत्यादि !
इ उद्घोष आस्था आ विश्वासक परिचायक अछि ! एहि कमेन्ट क सर्वथा सम्मान हेबाक चाहि ! एहि उद्घोषणा क प्रयोग आ उच्चारण उचित स्थान अथवा उचित समय पर हेबाक चाहि !
कते लोक अपन समालोचना सटीक करैत छथि ! मुदा विषय किछु आर रहित छैक आर हुनक समालोचना “ लूकिंग टू लंदन एण्ड टाकिंग टू टोकियो “ पर आधारित रहित छनि ! कियो लिखलखिन कोनो आन विषय आ समालोचना किछु आर भेल ! दर्शकक आसान पर आरूढ़ भय हमरा लोकनि केँ यथार्थ उत्साहवर्धक ढ़ाड़स ,प्रोत्साहन ,पीहकारी ,शोर ,वाह -वाह आ ताली क प्रतिध्वनि सं फेसबूक क कलाकार मनोबल बढेबाक चाहि अन्यथा लोक अवश्य कहताह इ त “ लूकिंग टू लंदन एण्ड टाकिंग टू टोकियो “ वला लोक छथि !
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डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका ,झारखंड
भारत