Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jul 2022 · 3 min read

“ लूकिंग टू लंदन एण्ड टाकिंग टू टोकियो “

( मैथिली व्यंग )
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
======================
ओना फेसबूक क रंगमंच पर एक सं एक दिगज अभिनेता ,चरित्र अभिनेता ,हास्य अभिनेता ,अभिनेत्री ,श्रेष्ठ कलाकार ,दिग्दर्शक ,कैमरमैन ,संगीतज्ञ ,गायक ,नृत्य निर्देशक ,गीतकार इत्यादि सब सफल प्रस्तुति सं सफल बॉक्स ऑफिस हिट चलचित्रक निर्माण करैत छथि ! हिनका लोकनिक साक्षात योगदान आ अथक परिश्रम सं फेसबूकक रंगमंच चमकैत रहैत अछि !
इ त सत्य अछि कि बहुतो लोकनि क उत्कंठा फेसबूकक रंगमंच पर आनि ठाढ़ क देलनि मुदा हुनक उत्कंठा नामांकन धरि सीमित रहल ! नहि धनुर्धर बनलहूँ नहि सिखबाक प्रयास केलनि ! बनि गेलाह सूत्रधार , मेकप मेन ,स्टन्ट मेन इत्यादि ! नेपथ्य मे रहितो हिनकर योगदान क महत्व कम नहि छनि ! यदा -कदा हिनकर उपस्थिति फेसबूक क पृष्ठ केँ नव परिधान आ शृंगार सं सुसज्जित करैत रहित छथि ! मुदा अधिकाशतः लोक अपन नामांकन करा ,मित्र बनि पाताल- लोक मे विलीन भ जाइत छथि !
कुंभकरण छः मास सुतैत छल आ जगे छल छः मास ! रावण अपन विवेक सं कुम्भकर्णक उपयोग करैत छल ! अधिकाशतः फेसबूक क मित्र लोकनि एक बरख सुतल रहैत छथि ! अप्पन -अप्पन जन्म -दिन ,विवाहक बर्षगाँठ ,मुड़न ,उपनयन ,गृह प्रवेश ,पुस्तक विमोचन ,पुरस्कार वितरण ,विध्यापति समारोह इत्यादि मे एहन लोक सब फुरफुरा केँ उठि जेताह आ पुनः विलीन भ जेताह ! अपन रक्षा हेतु एहन लोकनि सब कर्णक कबच कुंडल सहो पहिरने रहित छथि !
वो कहता , “ हम व्यस्त रहित छी …..हम कोनो अकाजक ( नल्ला ) छी ? नौकरी अछि ,बच्चा -बूचि अछि ,कनियाँ छथि इत्यादि -इत्यादि ! “
कियो आर कहता , “ आहाँ की बुझब ? हमरा इ विचित्र यंत्र चलबय नहि अबया ! …..मोबाईल खराब भ गेल ….कंप्युटर हैक भ गेल ,इत्यादि -इत्यादि !”
आब फेसबूक रंगमंचक दर्शकक संख्या असीमित अछि ! हिनक उपस्थिति एकटा नवीन ऊर्जा क संचालन करैत अछि ! हिनक उत्साहवर्धक ढ़ाड़स ,प्रोत्साहन ,पीहकारी ,शोर ,वाह -वाह आ ताली क प्रतिध्वनि सं सक्रिय अभिनेता ,चरित्र अभिनेता ,हास्य अभिनेता ,अभिनेत्री ,श्रेष्ठ कलाकार ,दिग्दर्शक ,कैमरमैन ,संगीतज्ञ ,गायक ,नृत्य निर्देशक ,गीतकार इत्यादि संजीवनी क कार्य करैत छथि ! मुदा कखनो-कखनो हमरा लोकनि “ गोनू झा “ बनि जाइत छी ! विषय किछु रहए परंच हुनकर “ ऊँघायल कमेन्ट “ बद्द मर्मभेदी होइत छनि ! आब देखू हम आइ इ विषय “ लूकिंग टू लंदन एण्ड टाकिंग टू टोकियो “ पर गप्प क रहल छी !
बहुतो लोकनि लिखताह —-
“ जय मिथिला,
“जय भवानी ,”
“जय हो “
“ जय संतोषी माता ,”
“जय श्री राम “
इत्यादि इत्यादि !
इ उद्घोष आस्था आ विश्वासक परिचायक अछि ! एहि कमेन्ट क सर्वथा सम्मान हेबाक चाहि ! एहि उद्घोषणा क प्रयोग आ उच्चारण उचित स्थान अथवा उचित समय पर हेबाक चाहि !
कते लोक अपन समालोचना सटीक करैत छथि ! मुदा विषय किछु आर रहित छैक आर हुनक समालोचना “ लूकिंग टू लंदन एण्ड टाकिंग टू टोकियो “ पर आधारित रहित छनि ! कियो लिखलखिन कोनो आन विषय आ समालोचना किछु आर भेल ! दर्शकक आसान पर आरूढ़ भय हमरा लोकनि केँ यथार्थ उत्साहवर्धक ढ़ाड़स ,प्रोत्साहन ,पीहकारी ,शोर ,वाह -वाह आ ताली क प्रतिध्वनि सं फेसबूक क कलाकार मनोबल बढेबाक चाहि अन्यथा लोक अवश्य कहताह इ त “ लूकिंग टू लंदन एण्ड टाकिंग टू टोकियो “ वला लोक छथि !
=========================
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका ,झारखंड
भारत

265 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आप हम से ख़फ़ा नहीं होना।
आप हम से ख़फ़ा नहीं होना।
Dr fauzia Naseem shad
परिंदे बिन पर के (ग़ज़ल)
परिंदे बिन पर के (ग़ज़ल)
Vijay kumar Pandey
दो भावनाओं में साथ
दो भावनाओं में साथ
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
नींद
नींद
Kanchan Khanna
समेट लिया है  मैं ने ,अपने अल्फाजों में खुद को ,
समेट लिया है मैं ने ,अपने अल्फाजों में खुद को ,
Neelofar Khan
परमात्मा
परमात्मा
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
न जाने वो कैसे बच्चे होंगे
न जाने वो कैसे बच्चे होंगे
Keshav kishor Kumar
समाज और सोच
समाज और सोच
Adha Deshwal
जहरीले और चाटुकार  ख़बर नवीस
जहरीले और चाटुकार ख़बर नवीस
Atul "Krishn"
"राह अनेक, पै मँजिल एक"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
■ आज का सवाल
■ आज का सवाल
*प्रणय*
4343.*पूर्णिका*
4343.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सच तो आज न हम न तुम हो
सच तो आज न हम न तुम हो
Neeraj Agarwal
लपवून गुलाब देणारा व्यक्ती आता सगळ्यांसमोर आपल्या साठी गजरा
लपवून गुलाब देणारा व्यक्ती आता सगळ्यांसमोर आपल्या साठी गजरा
Kanchan Alok Malu
सूर्ययान आदित्य एल 1
सूर्ययान आदित्य एल 1
Mukesh Kumar Sonkar
खिड़कियां हवा और प्रकाश को खींचने की एक सुगम यंत्र है।
खिड़कियां हवा और प्रकाश को खींचने की एक सुगम यंत्र है।
Rj Anand Prajapati
बदली मन की भावना, बदली है  मनुहार।
बदली मन की भावना, बदली है मनुहार।
Arvind trivedi
जो छूट गया तुम्हारा साथ जीवन के किसी मोड़ पर..
जो छूट गया तुम्हारा साथ जीवन के किसी मोड़ पर..
शोभा कुमारी
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
🪔🪔दीपमालिका सजाओ तुम।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
चलना है मगर, संभलकर...!
चलना है मगर, संभलकर...!
VEDANTA PATEL
संकल्प
संकल्प
Bodhisatva kastooriya
जीव-जगत आधार...
जीव-जगत आधार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
शहर की गहमा गहमी से दूर
शहर की गहमा गहमी से दूर
हिमांशु Kulshrestha
ये मत पूछो यारों, मेरी क्या कहानी है,
ये मत पूछो यारों, मेरी क्या कहानी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
प्रेम के दो  वचन बोल दो बोल दो
प्रेम के दो वचन बोल दो बोल दो
Dr Archana Gupta
दिल से जाना
दिल से जाना
Sangeeta Beniwal
प्रेम पाना,नियति है..
प्रेम पाना,नियति है..
पूर्वार्थ
जीवन शैली का स्वास्थ्य पर प्रभाव
जीवन शैली का स्वास्थ्य पर प्रभाव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
Arghyadeep Chakraborty
तकलीफ ना होगी मरने मे
तकलीफ ना होगी मरने मे
Anil chobisa
Loading...