लिख दिया तक़दीर में,
लिख दिया तक़दीर में,
ख़ुदा ने जो भी हमारे।
नमाज़ में दुआओं के,
हम सब उसके सहारे।
माँ – बाप , भाई-बहन,
चाहे हो बीवी – बच्चें हमारे।
चरिंद – ओ – परिंद,
सब उसके सहारे,
वहीं है कौनैन का,
मालिक भी हमारे।
दिल न किसी का,
दुखाया करो तुम,
कभी भी किसी को,
न सताया करो तुम।
इबादत में उसके,
कोताही न करना।
इबादत में तुम भी,
यूँ मशगूल रहना।
रहें कुछ भी न याद,
सिवा उसके अब प्यारे।
वो मालिक हमारा,
हम उसके बंदे है न्यारे।