लिखा नहीं था नसीब में, अपना मिलन
लिखा नहीं था नसीब में, अपना मिलन।
ओ मेरे यार, ओ मेरे यार।।
फिर भी मिटेगा नहीं, यह प्यार दिल से।
ओ मेरे यार, ओ मेरे यार।।
लिखा नहीं था नसीब में——————-।।
चाहा था मैंने तो, तू मेरे साथ हो।
हरदम तेरा हाथ, मेरे हाथ हो।।
टूटे नहीं कभी हमारा रिश्ता और साथ।
ओ मेरे यार, ओ मेरे यार।।
लिखा नहीं था नसीब में——————-।।
पूछता था रोज मैं, इन बहारों से।
आने की तेरी खबर, इन सितारों से।।
रोक दी है राह अपनी, क्यों इन पहाड़ों ने।
ओ मेरे यार, ओ मेरे यार।।
लिखा नहीं था नसीब में——————-।।
रहना तू हमेशा खुश, जहाँ भी रहे तू ।
याद हमारी ही तरहां, करना हमें याद तू ।।
चाहा अगर खुदा ने तो, हम मिलेंगे कभी।
ओ मेरे यार, ओ मेरे यार।।
लिखा नहीं था नसीब में——————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)