लिखने में ऐसी रुचि __ घनाक्षरी
लिखने में ऐसी रूचि, पैदा हुई मुझको तो ।
दिन-रात दिल मेरा ,लिखने को करता।।
लिखूं लिखूं अच्छा लिखूं, बिकुं चाहे मैं न बिकूं।
सबसे अलग दिखूं,भाव मै तो भरता।।
कोई तो पड़ेगा मुझे, समझेगा कोई मुझे।
लिख लिख विचारों को, कॉपी में तो भरता।।
मेरे जीवन की पूंजी मैंने इसी को है माना।
इसी में तो सुख मिले,सही ही तो करता।।
राजेश व्यास अनुनय