Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Mar 2024 · 1 min read

लिखते रहिए …

लिखते रहिए …
आदत बुरी नहीं ।
वह भी कह डालिए
जो अब तक कही नहीं।

1 Like · 121 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dheerja Sharma
View all
You may also like:
उम्र ए हासिल
उम्र ए हासिल
Dr fauzia Naseem shad
चांद को तो गुरूर होगा ही
चांद को तो गुरूर होगा ही
Manoj Mahato
हारो बेशक कई बार,हार के आगे झुको नहीं।
हारो बेशक कई बार,हार के आगे झुको नहीं।
Neelam Sharma
*रामपुर में जैन-इतिहास के शोधकर्ता श्री भारत भूषण जैन*
*रामपुर में जैन-इतिहास के शोधकर्ता श्री भारत भूषण जैन*
Ravi Prakash
केवल पुस्तक से नहीं,
केवल पुस्तक से नहीं,
sushil sarna
"YOU ARE GOOD" से शुरू हुई मोहब्बत "YOU
nagarsumit326
मन की डायरी
मन की डायरी
Surinder blackpen
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
संवेदनशील होना किसी भी व्यक्ति के जीवन का महान गुण है।
Mohan Pandey
हँसती है कभी , रुलाती भी है दुनिया।
हँसती है कभी , रुलाती भी है दुनिया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
अति गरीबी और किसी वस्तु, एवम् भोगों की चाह व्यक्ति को मानसिक
अति गरीबी और किसी वस्तु, एवम् भोगों की चाह व्यक्ति को मानसिक
Rj Anand Prajapati
मां तौ मां हैं 💓
मां तौ मां हैं 💓
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
निर्मल भक्ति
निर्मल भक्ति
Dr. Upasana Pandey
आधारभूत निसर्ग
आधारभूत निसर्ग
Shyam Sundar Subramanian
जी20
जी20
लक्ष्मी सिंह
दिन गुज़रते रहे रात होती रही।
दिन गुज़रते रहे रात होती रही।
डॉक्टर रागिनी
बाधाएं आती हैं आएं घिरे प्रलय की घोर घटाएं पावों के नीचे अंग
बाधाएं आती हैं आएं घिरे प्रलय की घोर घटाएं पावों के नीचे अंग
पूर्वार्थ
सुनो जीतू,
सुनो जीतू,
Jitendra kumar
मेघों का इंतजार है
मेघों का इंतजार है
VINOD CHAUHAN
वो चैन की नींद सो गए
वो चैन की नींद सो गए
Diwakar Mahto
Really true nature and Cloud.
Really true nature and Cloud.
Neeraj Agarwal
तेरी यादों के आईने को
तेरी यादों के आईने को
Atul "Krishn"
छलावा
छलावा
Sushmita Singh
चाहतों की सेज न थी, किंतु ख्वाबों  का गगन था.....
चाहतों की सेज न थी, किंतु ख्वाबों का गगन था.....
दीपक झा रुद्रा
पैसे कमाने के लिए लोग नीचे तक गिर जाते हैं,
पैसे कमाने के लिए लोग नीचे तक गिर जाते हैं,
Ajit Kumar "Karn"
व्यर्थ है मेरे वो सारे श्रृंगार,
व्यर्थ है मेरे वो सारे श्रृंगार,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
मारे गए सब
मारे गए सब "माफिया" थे।
*प्रणय*
" आँसू "
Dr. Kishan tandon kranti
कहते हैं लोग
कहते हैं लोग
हिमांशु Kulshrestha
Loading...