लाली का सपना
सोलह साल की उम्र में सपनो को भी पर लग जाते हैं I वह सपने जिनका जीवन की आपा धापी से कुछ लेना देना नहीं I एक बार देखने लग जाओ तो अफीम जैसा चस्का लगा देतें हैं यह सपने I बस देखते ही रहो, सोते जागते देखते ही रहो I लाली भी नवयौवन के उन सपनो में अपना संसार बसा सकती थी। वह सपने जो उसके जीवन में कभी भी पूरे नहीं हो सकते थे I पर वह देखती थी क्यूंकि उसके पास जीवित रहने के लिए सपनों के सिवाय कुछ भी तो नहीं था I सपने ही उसको ज़िंदा रखे हुई थे I सपने अगर उसके साथी नहीं होते तो शायद वह कब का इस दुनिया को छोड़ कर चली जाती, अपनी माँ की तरह I पर सपनो में वह ताकत है जो पूरे होने लगे तो मरते हुए इंसान में भी एक बार जान फूंक दे I अपने सपनो को पूरा करने का सपना। ज़िंदगी को भरपूर जीने का सपना I अपने प्यार के साथ रहने का सपना। कुछ बनने का सपना। कुछ कर गुजरने का सपना। सपने तब सपने नहीं रह जाते। एक उद्देश्य पूर्ती का साधन बन, तीव्र इच्छा का रूप धारण कर लेते हैं। सपनो में अगर किसी मनुष्य में निष्क्रयता की भावना लाने का सामर्थ्य है तो किसी में उन सपनो को साकार करने का मन्त्र एक हताश हुए इंसान में जान फूंकने का कार्य भी करते हैं। सपनो की इस ताकत को बड़े से बड़े वैज्ञानिकों ने, दर्शन शास्त्रियों ने स्वीकारा है। लाली के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। लाली ने केवल एक ही सपना देखा था I माँ की इच्छा पूर्ण करने का I जब सपने इच्छा का रूप धारण कर लेतें हैं तो दृढ इरादे वाले, दृढ इच्छा शक्ति वाले उन सपनो को पूरा करने में एड़ी चोटी का ज़ोर लगा देते हैं I लाली की मां का सपना उसको पढ़ा लिखा कर उसे ज़िंदगी की उन ऊंचाइयों को प्राप्त कराना था जहां लाली किसी भी सुख सुविधा से वंचित ना रह सके I उसका लक्ष्य एक ही था लाली को स्कूल भेजना। यही उसका सपना भी था
मां के उसी सपने को लाली पूरा करने में लगी थी। लाली एक कुशल , बुद्धिमान, और स्वाभिमानी लड़की थी। शीघ्र ही उसने स्कूल में वह मुकाम हासिल कर लिया जो किसी भी स्कूल के लिए गर्व की बात हो सकती थी I उसने 12 क्लास में उच्च्तम श्रेणी में सफलता हासिल कर ना केवल स्कूल का नाम रोशन किया अपितु आगे की शिक्षा दीक्षा के लिए सरकार से वजीफा भी प्राप्त किया।
दस बरस बीत गए. आज लाली भारत सरकार के एक प्रतिष्ठित संस्थान में एक ऊंचे पद पर भारत का नाम रोशन कर रही है I
जो केवल सपने ही देखतें रह जाते हैं, सपने कभी भी उनका साथ नहीं छोड़ते और उनके सपने सपने ही रह जातें हैं। पर जो सपनों को साकार करने में जुट जातें हैं उनके सपने तो पूरे होते ही हैं अन्य सपनो को साकार करने की वजह भी मिल जाती है I
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