लालच
एक गांव में लोगों ने देखा कि एक व्यक्ति सड़क के किनारे पेड़ के नीचे घड़ा लेकर बैठा था। और चिल्ला चिल्ला कर लोगों को बुला रहा था रहा था देखो मेरे पास एक चमत्कारी घड़ा है। इसमें जितने पैसे डालोगे उससे दुगना दूसरे दिन पाओगे। लोग उसे पागल समझ कर हंसकर निकल गए । परंतु कुछ लोगों ने सोचा कि चलो इसको आजमाते हैं। तो उन्होंने कुछ रुपए घड़े में डाल दिए । उस व्यक्ति ने उनको डाले गए पैसों की रसीद दे दी जिस पर पर उसका नाम पता सब लिखा हुआ था । देखा देखी मे और लोगों ने भी उस घड़े मे पैसे डाले । देखते ही देखते घड़ा पैसों से भर गया। जब घड़ा पैसों से भर गया तो उस व्यक्ति ने पैसा लेना बंद कर दिया । और बोला मैं कल आऊंगा आपको दिए गए पैसों के दुगने पैसे दूंगा। दूसरे दिन तय समय पर वह व्यक्ति वहां आया इस बार उसके पास पहले वाले घड़े से बड़ा घड़ा था। वहां पर बैठने के बाद उन सभी व्यक्तियों को जिन्होंने कल पैसा जमा किया था उनकी रसीदें लेकर उनको दुगने पैसे देना शुरू कर दिया। जिसको देखकर लोग आश्चर्यचकित रह गए और उसके कथन पर लोगों को विश्वास होने लग गया। फलस्वरूप उन्होंने और उनको देखकर और लोगों ने घड़े में पैसे डालकर रसीद लेना शुरू कर दिया। देखते ही देखते घड़ा पैसों से भर गया तब घड़े वाले पैसा लेना बंद कर दिया। और बोला कि आप लोग कल आना आज का कोटा खत्म हो गया है। तीसरे दिन घड़ा वाला पिछले घड़े से भी बड़ा घड़ा लेकर आया और उसने पिछले दिन के जमा किये पैसों के दुगने पैसे लोगों को देना शुरू कर दिया। लोगों में ये देख कर उस पर पूर्ण विश्वास होने लगा। लोगों में पैसा जमा करने की होड़ सी लग गई । लोग लंबी कतार बनाकर पैसा जमा करने लगे और देखते ही देखते उस दिन का घड़ा चंद ही घंटों में भर गया।
लोगों में लालच इतना अधिक हो गया कि जो दुगने पैसे उन्हें मिले थे, उसे भी चौगुने करने के लिए उन्होंने घड़े में डाल दिये। घड़ा भर जाने के बाद घड़े वाले ने ने उस दिन का का कोटा समाप्त का बोर्ड लगा दिया। और कल फिर आने का वादा करके रुखसत हुआ ।
अगले दिन उसके आने से पहले उसके इंतजार में पैसा जमा करने के लिए लंबी-लंबी कतारें लग गई। घंटों इंतजार करने के बाद भी वह जब उस दिन वहां प्रकट नहीं हुआ तो लोगों मैं बेचैनी बढ़नें लगी। उनमें उस घड़े वाले के खिलाफ गुस्सा बढ़ता ही जा रहा था। लोग अपने आपको ठगा महसूस करने लगे। कुछ लोगों ने मिलकर यह निश्चय किया कि उसके पते पर जाकर खोजते हैं। पर उन्हें यह मालूम नहीं था कि जो पता रसीद पर था। वह जाली था। जिसका कि कोई अस्तित्व नहीं था।
उन्होंने उस व्यक्ति के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट करने की कोशिश भी की परंतु पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करने से इन्कार कर दिया। क्योंकि उस व्यक्ति का नाम और पता फर्जी था ।
लोगों को पता चल गया कि घड़े वाला उन्हे अच्छी तरह चूना लगा गया है।
और उन्हें वह कहावत याद आने लगी अब पछताए क्या होत है लालच बुरी बलाय।