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16 Dec 2021 · 1 min read

लानत है जिंदगानी!

हम ज्यादातर दोहराते, हैं इतिहास।———उसकी को नया रूप देकर, बनाते हैं खासमखास।———-++++++++++++जरुरत है कुछ नया करने की, और तुम ढर्रे उछाल रहें हो।——अरे तुम्हारी कब समझ में आयेगी, तुम खाक छान रहे हो।———–+———-+–बडी बड़ी बातों के बीच में, अपनी बखान रहें हो। कुछ शब्दों का अर्थ नही मालूम फिर भी मान रहे हो।——————-+——भेड़ की चाल सदा से चलें आ रहे हो।——-विशव गुरु बनने का सपना देख रहे हो।–इंसान से इंसान का शोषण करते चले आ रहे हो।——++++——–++—+————अपने को अमीर और दूसरे को गरीब बनाते रहे हो।————–+—————+—लानत है तेरे शासन को , लानत है तेरी बुद्धि मानी को।———————————लानत है इंसानियत को,लानत है तेरी जिंदगानी को।

Language: Hindi
2 Likes · 4 Comments · 452 Views
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