Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jul 2021 · 4 min read

लाग-डाट

ठाकुर हीरा सिंह और ठाकुर तेज सिंह दोनों सगे भाई थे लेकिन उनमें दुश्मनी किन्हीं परंपरागत दुश्मनों जैसी थी। दोनों एक दूसरे को फूटी आँख नहीं सुहाते थे। अगर कभी दोनों का सामना हो जाता था तो दोनों ही खूँखार हो जाते थे। जम कर एक दूसरे को खरी खोटी सुनाते और गाली गलौज करते। गाली गलौज भी ऐसी कि सुनने वाले कानों में उँगली डाल लेते। कभी कभी गाली गलौज से बढ़कर स्थिति खूनी संघर्ष में बदल जाती तब समाज के कुछ प्रभावशाली लोग बीच में पड़ कर उन्हें अलग कर देते। मुहल्ले या रिश्तेदारी में वे एक दूसरे के सामने आने से बचते थे। अगर तेज सिंह को पता चल जाता कि हीरा सिंह या उनका परिवार किसी अड़ौस पड़ौस या रिश्तेदारी में पहुँचे हुये हैं तो वह जाना स्थगित कर देते। इसी प्रकार हीरा सिंह भी तेज सिंह के सामने पड़ने से बचते थे। वह तेज सिंह से सामना करने में अपनी हेठी समझते थे। जहाँ बड़े भाई हीरा सिंह अक्खड़ स्वभाव के थे वहीं तेजसिंह का स्वभाव नर्म था। वे बड़े भाई के मुकाबले समझदार भी थे। वे अक्सर इस मनमुटाव की बजह खोजते लेकिन असफल रहते।

वे रिश्तेदारी के कार्यक्रमों में व्यवधान पड़ने की सम्भावना देखते हुये अपने परिवार का जाना टाल देते। दोनों परिवारों की स्त्रियाँ और बच्चे भी परिवार के मुखियाओं के रुख के कारण झगड़ालू और बद-दिमाग हो गये थे।

एक दिन तेजसिंह किसी कार्यवश राजमार्ग की ओर गये। उन्होंने देखा कि उनके बड़े भाई हीरा सिंह सड़क पर बदहवास से भागे चले जा रहे हैं। उनके पीछे तेजी से एक ट्रक दौड़ा चला आ रहा है। ट्रक ड्राइवर लगातार हौरन बजा रहा है और चेतावनी दे रहा है कि ट्रक के ब्रेक फेल होगये हैं। तेजसिंह को लगा कि हीरा सिंह ट्रक की चपेट में आ जायेंगे और उनकी मृत्यु हो जायेगी। वे यह सोच कर सुख अनुभव करने लगे कि चलो कंटक कट जायेगा और इनकी मृत्यु के बाद व्यर्थ के विवादों से छुटकारा मिल जायेगा। वे सड़क के किनारे हटकर खड़े हो गये। तेजसिंह को लगा कि अब ट्रक हीरासिंह पर चढ़ने ही वाला है कि उनकी संवेदना जाग उठी। वह बड़ी तेजी से दौड़कर ट्रक और हीरा सिंह के पास पहुँचे और उनको सड़क के किनारे की ओर खींच लिया। इस प्रयास में अगर तनिक भी चूक हो जाती तो उनकी जान भी जा सकती थी।

हीरा सिंह आसन्न मौत को देख कर बदहवास होगये। वे वहीँ सड़क पर तेज सिंह से लिपट कर फूट फूट कर रोने लगे। वे मौत से बचाने के लिये तेज सिंह का आभार व्यक्त करते रहे और जीवन भर उनसे दुश्मनी रखने के लिये अपने आप को कोसते रहे। तेजसिंह उन्हें लगातार दिलासा दे रहे थे और अहसास करा रहे थे कि मृत्यु की घड़ी टल चुकी है।

तेज सिंह हीरा सिंह को लेकर उनके घर तक गये तथा बाहर से ही लौटने लगे। हीरा सिंह ने उनको कंधे से पकड़ लिया और उनको गले लगा कर मिन्नतें करने लगे कि वह उन्हें छोड़कर न जायें। उन दोनों की बातचीत और हीरा सिंह के रोने की आवाज सुन कर उनकी पत्नी बाहर आईं और दोनों भाइयों को उस स्थिति देख कर अवाक रह गईं। जब हीरा सिंह ने उन्हें बताया कि किस तरह तेजसिंह ने अपनी जान पर खेल कर उनकी प्राण रक्षा की है तो वह भी
तेजसिंह की अपने सुहाग बचाने के लिये प्रसंशा करने लगीं। तेजसिंह के यह कहने पर कि यह तो उनका कर्तव्य था वह जोर जोर से रोने लगीं और जीवन भर अपने परिवार द्वारा उनसे दुश्मनी रखने के लिये क्षमाप्रार्थना करने लगीं।

आज मुहल्ले के लाला जीवन राम की पुत्री का शादी समारोह है। शादी समारोह में सम्मिलित होने के लिये एक ओर से ठाकुर हीरा सिंह सपरिवार आ रहे थे तो दूसरी ओर से ठाकुर तेज सिंह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ आ रहे थे। यह देख कर अनहोनी की आशंका से लोगों के प्राण सूख गए। मेजवान जीवनराम भी अपने समारोह में विघ्न पड़ने की संभावना देख कर आगे बढ़ कर बीच में हाथ जोड़ कर खड़े हो गये। वह उन दोनों से प्रार्थना करना चाह रहे थे कि वे उनके समारोह में विघ्न न डालें। दोनों ठाकुरों ने निकट आकर एक दूसरे को घूरकर देखा। ठाकुर हीरा सिंह ने लपक कर तेजसिंह को अपने गले लगा लिया। हीरा सिंह की पत्नी ने आगे बढ़ कर अपनी देवरानी को गले लगा लिया और प्यार से उसके सिर पर हाथ फिराने लगीं। दोनों परिवारों का मिलन और परंपरागत दुश्मनी का अंत होता देख कर लोग सुखद आश्चर्य में डूब गये और उनके चारों ओर इकठ्ठे हो गये। लाला जीवनराम भी इस मिलन को सन्तुष्टि भावसे देख रहे थे। उन्होंने दोनों ठाकुरों की आगवानी की और आदर पूर्वक समारोह स्थल पर ले गये।

जयन्ती प्रसाद शर्मा

4 Likes · 6 Comments · 520 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
होली पर बस एक गिला।
होली पर बस एक गिला।
सत्य कुमार प्रेमी
हे दिल ओ दिल, तेरी याद बहुत आती है हमको
हे दिल ओ दिल, तेरी याद बहुत आती है हमको
gurudeenverma198
4405.*पूर्णिका*
4405.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रमेशराज के मौसमविशेष के बालगीत
रमेशराज के मौसमविशेष के बालगीत
कवि रमेशराज
CISA Certification Training Course in Washington
CISA Certification Training Course in Washington
mayapatil281995
सुनो विद्यार्थियों! पुस्तक उठा लो।
सुनो विद्यार्थियों! पुस्तक उठा लो।
भगवती पारीक 'मनु'
“जागू मिथिलावासी जागू”
“जागू मिथिलावासी जागू”
DrLakshman Jha Parimal
*पत्रिका-समीक्षा*
*पत्रिका-समीक्षा*
Ravi Prakash
Trust the timing of your life
Trust the timing of your life
पूर्वार्थ
🙅आम चुनाव🙅
🙅आम चुनाव🙅
*प्रणय*
बहुत फ़र्क होता है जरूरी और जरूरत में...
बहुत फ़र्क होता है जरूरी और जरूरत में...
Jogendar singh
हर सांस की गिनती तय है - रूख़सती का भी दिन पहले से है मुक़र्रर
हर सांस की गिनती तय है - रूख़सती का भी दिन पहले से है मुक़र्रर
Atul "Krishn"
kavita
kavita
Rambali Mishra
मोहन सी प्रीति
मोहन सी प्रीति
Pratibha Pandey
हरियाली तीज....
हरियाली तीज....
Harminder Kaur
*दिनचर्या*
*दिनचर्या*
Santosh Soni
वो
वो
Sanjay ' शून्य'
गांव और वसंत
गांव और वसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
क़दमों के निशां
क़दमों के निशां
Dr Mukesh 'Aseemit'
नारी पुरुष
नारी पुरुष
Neeraj Agarwal
रक्षाबंधन का त्योहार
रक्षाबंधन का त्योहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
विषय – मौन
विषय – मौन
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गिरमिटिया मजदूर
गिरमिटिया मजदूर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
हर पाँच बरस के बाद
हर पाँच बरस के बाद
Johnny Ahmed 'क़ैस'
*बदलाव की लहर*
*बदलाव की लहर*
sudhir kumar
"शहनाई की गूंज"
Dr. Kishan tandon kranti
कितना आसान है मां कहलाना,
कितना आसान है मां कहलाना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
بدلتا ہے
بدلتا ہے
Dr fauzia Naseem shad
जीवन में,
जीवन में,
नेताम आर सी
दरअसल Google शब्द का अवतरण आयुर्वेद के Guggulu शब्द से हुआ ह
दरअसल Google शब्द का अवतरण आयुर्वेद के Guggulu शब्द से हुआ ह
Anand Kumar
Loading...