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12 Feb 2024 · 1 min read

लागे न जियरा अब मोरा इस गाँव में।

दोस्तों,
एक ताजा ग़ज़ल मुहब्बत की दुनिया के उन सच्चे प्रेमी-प्रेमिकाओं के लिए जो साथ जीने मरने के कसमें लेते है,,!!!!!

ग़ज़ल
=====

लागे न जियरा अब मोरा इस गाँव में,
धड़के है दिल जैसे नदियां की नाँव में।
=======================

साथ चलूंगी सजना मैं जिधर ले चलो,
उफ्फ न करुँ मैं चुभे ख़ार मेरे पाँव में।
=======================

इक पल मैं ना रहूँ , तुम बिन संसार में,
सारे बंधन तोड़ जीवन लगाऊँ दाँव में।
=======================

तुम्ही सांसे, तुम्ही धड़कन सजना मिरी,
बीते हर सुख दुख मेरा तुम्हारी छाँव में।
=======================

ना घर है ना कोई ठिकाना जहाँ में मिरे,
मुझको सुकुन मिले रखना ऐसे ठाँव में।
========================

तेरा हर ग़म मेरा,मेरा हर ग़म तेरा “जैदि”
है कसम मिल के रहेंगे हम हर तनाव में।
========================

मायने:-
ख़ार:-कांटे
मिरी:-मेरे

शायर :-“जैदि”
डॉ.एल.सी.जैदिया “जैदि”
बीकानेर।

Language: Hindi
146 Views
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