लहरों का खेल
लहरों का खेल चलता है
किनारे छूट जाते हैं
समय करवट बदलता है
सहारे छूट जाते हैं…
(१)
किसी की मांग भरने के लिए
जब तक हाथ उन तक पहुंचें
अचानक ठोकर लगती है
सितारे छूट जाते हैं…
(२)
दूर से ही जिनकी झलक पाकर
तन-मन हमारे खिल जाएं
सारे सुंदर और चंचल
नज़ारे छूट जाते हैं…
(३)
जिनके कारण पूरी दुनिया
लगती है पिटारा जादू की
ऐसे प्यारे और मासूम
इशारे छूट जाते हैं…
नोट-
(इस गीत का मुखड़ा मेरी एक दोस्त ने कॉलेज के विदाई समारोह के दौरान मेरे एक दोस्त की डायरी में लिखा था। अपनी उसी दोस्त को याद करते हुए मैंने अभी-अभी इस गीत के तीनों अंतरे लिखे हैं।)
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#पैरोडी #पुनरर्चना #Parody #lyrics
#sadsongs #love #CollegeLife
#MyDreamOfLove #BrokenHeart
#उदासी #यादें #वेदना #टीस #कसक
#कालचक्र #गर्दिशे_वक्त #परिवर्तन #पीड़ा