Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Nov 2024 · 1 min read

लहरें जीवन की हों, या जल की ..

लहरें जीवन की हों, या जल की ..

ध्यान से देखने पर इसमें हमेशा कुछ ना कुछ तो मिलता ही है ..

बस ठीक से खोजने के लिए धैर्य चाहिए होता है ..
एक मछुआरे को देखा है कभी ?
सीखना उस से .. !!

– ज़िंदगी से शिकायत करने वालों, देखो आस पास, बहुत कुछ है सीखने के लिये, फ़िलहाल मैं सीखने की प्रक्रिया में हूँ .. !!

distination always demand patience

13 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं,
मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं,
Kalamkash
"पत्थर"
Dr. Kishan tandon kranti
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
बहुत मुश्किल है दिल से, तुम्हें तो भूल पाना
gurudeenverma198
कभी कभी
कभी कभी
Mamta Rani
आलता महावर
आलता महावर
Pakhi Jain
हमसफर ❤️
हमसफर ❤️
Rituraj shivem verma
कुछ काम करो , कुछ काम करो
कुछ काम करो , कुछ काम करो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मौन के प्रतिमान
मौन के प्रतिमान
Davina Amar Thakral
एक न एक दिन मर जाना है यह सब को पता है
एक न एक दिन मर जाना है यह सब को पता है
Ranjeet kumar patre
#आह्वान
#आह्वान
*प्रणय*
अनोखे ही साज़ बजते है.!
अनोखे ही साज़ बजते है.!
शेखर सिंह
ओ माँ मेरी लाज रखो
ओ माँ मेरी लाज रखो
Basant Bhagawan Roy
तुम्हारी आँखें...।
तुम्हारी आँखें...।
Awadhesh Kumar Singh
शीर्षक - मेरा भाग्य और कुदरत के रंग
शीर्षक - मेरा भाग्य और कुदरत के रंग
Neeraj Agarwal
Storm
Storm
Bindesh kumar jha
साथ बिताए कुछ लम्हे
साथ बिताए कुछ लम्हे
Chitra Bisht
लड़ाई में भी परम शांति, निहित है,
लड़ाई में भी परम शांति, निहित है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उसकी हिम्मत की दाद दी जाए
उसकी हिम्मत की दाद दी जाए
Neeraj Naveed
किसी मोड़ पर अब रुकेंगे नहीं हम।
किसी मोड़ पर अब रुकेंगे नहीं हम।
surenderpal vaidya
फांसी का फंदा भी कम ना था,
फांसी का फंदा भी कम ना था,
Rahul Singh
छोड़ कर घर बार सब जाएं कहीं।
छोड़ कर घर बार सब जाएं कहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
*बादल (बाल कविता)*
*बादल (बाल कविता)*
Ravi Prakash
3920.💐 *पूर्णिका* 💐
3920.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
'हाँ
'हाँ" मैं श्रमिक हूँ..!
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
नववर्ष का आगाज़
नववर्ष का आगाज़
Vandna Thakur
सब से गंदे चुस्त चालाक साइबर चोर हैँ
सब से गंदे चुस्त चालाक साइबर चोर हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बगुले तटिनी तीर से,
बगुले तटिनी तीर से,
sushil sarna
वो कविताचोर है
वो कविताचोर है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
न्याय यात्रा
न्याय यात्रा
Bodhisatva kastooriya
क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,
क्या खोकर ग़म मनाऊ, किसे पाकर नाज़ करूँ मैं,
Chandrakant Sahu
Loading...