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11 Sep 2023 · 1 min read

*लब मय से भरे मदहोश है*

लब मय से भरे मदहोश है
**********************

लब मय से भरे मदहोश हैँ,
कुछ ना कह रहे खामोश हैँ।

मतवाले बहुत दो नैन हैँ,
जो देखे वही बेहोश हैँ।

हर कोई हुआ आतुर बहुत,
यूँ खोने लगे सब होश है।

आ जाओ जरा तुम पास में,
बांहों के खुले आगोश हैँ।

खुश है देख मनसीरत जिसे,
प्यारे दो बहुत खरगोश है।
***********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैथल)

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