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2 May 2023 · 1 min read

लत शराब की

लत शराब की हो या हुस्नोआब की
चाहत हमेशा बनी रहेगी गुलाब की
खाना छोड दे चाहे कोई अमिष आहार
वह स्वाद पहचान लेगा कबाब की ।

मधुशालाओं पर उसकी नज़र इनायत है
मौसमानुकूल हर बाला जन्नत-ए- कयामत है
परेशान इनसे हैं मुहल्ले फ़कीर के,
हर फ़कीर को घरवालों से शिकायत है ।

बात की बातों मे हर बात उलझ जाती है
बहुत सी बातें इनको तब ही समझ आती है
करते हैं बडी-बडी बातों की तब नुमाइश
जब बात ही बातों में हर बात अटक जाती है।

नशे मन मे किसी को कुछ कहके चले गये
पडी खूब मार और कालिख मले गये
जाते-जाते वो नाली में गोते लगा के जाना
ना जाने फिर कितने बहाने घर में मढे गये।

Language: Hindi
81 Views
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