लता जी को विनम्र श्रद्धांजलि
हो नहीं जहाँ में, फिर भी सुर जिंदा है
गाये गीत यहाँ जो , अब वो पुर जिंदा है
याद सदा करेगा तुमको यह जहाँ अब
क्योंकि गायकी कंठ अंकुर जिंदा है
हो नहीं जहाँ में, फिर भी सुर जिंदा है
गाये गीत यहाँ जो , अब वो पुर जिंदा है
याद सदा करेगा तुमको यह जहाँ अब
क्योंकि गायकी कंठ अंकुर जिंदा है