Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2024 · 2 min read

लड़की होना ही गुनाह है।

देखकर- सुनकर -सहकर , मेरी यही प्रार्थना है, ईश्वर से पैदा ही ना करें लड़की को, रहने दें सिर्फ पुरुषों को जिन्हें जीवन में ज्यादा अहंकार पसंद है। हरेक स्तर पर पूरी-पूरी कोशिश कर औरतों को तनाव -युक्त जीवन का दर्शन कराने में सफल हो गए हैं। मैं अपवाद पुरुष की बात नहीं कर रही हूं। औरतों पर लांछन लगाने वाले और इसे पोछने वाले (मुक्त कराने) वाले दोनों पुरुष स्वयं है। वैसे औरत मूक नहीं है सिर्फ औरतों ने अपना मेकअप नहीं उतारा है,चाहें वो अनपढ़ हो,पढ़ी – लिखी हो। कुछ अपवाद की बात नहीं कर रही हूं। मेरा कटाक्ष उन जरूरत से ज्यादा लीपापोती करने वाली महिलाओं से है जो अपनी बच्चियों को इस ओर (मेकअप) की ज्यादा प्रेरित करती है किसकी नजर में महत्व बनना है, जो ख़ुद महत्वहीन,दिशाहीन होते जा रहे हैं। गौर करने वाली सच बात है आज। समाज हमेशा दोहरापन लिए है, सचमुच आज भी लड़की बेचारी है, प्रश्न है लड़की होना अपराध है क्या? सम्मान के नाम पर, नैतिकता के नाम पर, कुंठित कर उसे (लड़की )तोड़ दिया जाता है, इस लदे सामाजिक सौगात में दब जाते हैं पता नहीं क्यों इन आज तक हमें ही हर एक स्तर पर शर्मिंदगी उठानी पड़ती हैं तलाक से लेकर अकेले रहने वाली महिलाओं को, बच्ची को, लड़की को, बुढ़ी औरतों को, बलात्कार जैसी घिनौनी हरकतों को सहना पड़ता है और नाहक जान भी जवानी पड़ती है, किसे मंजूर होगा। इस वेदना को समझ सकते हैं, एक लड़की होना ही गुनाह लगता है।
बलात्कार के बाद बच्ची की जिंदगी और बची जिंदगी कुंठित हो जाती है, बेकार, घायल, बेजान हो जाती है। किसी तरह अगर खड़ी भी होती है,तो सैकड़ो उसे खींचते हैं, हर रोज सामाजिक ताने-बाने और वाणी में, आखिर क्यों? खुद से झुकते मेरी नजर क्यों ? मेरी गलतियां कहां है।
-डॉ. सीमा कुमारी।23-8-024की स्वरचित रचना है मेरी।

Language: Hindi
1 Like · 60 Views

You may also like these posts

चेहरे पे चेहरा (ग़ज़ल – विनीत सिंह शायर)
चेहरे पे चेहरा (ग़ज़ल – विनीत सिंह शायर)
Vinit kumar
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
।। समीक्षा ।।
।। समीक्षा ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
अकाल मृत्यु
अकाल मृत्यु
Arun Prasad
दिल के रिश्तों को संभाले रखिए जनाब,
दिल के रिश्तों को संभाले रखिए जनाब,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
मैं हिंदी में इस लिए बात करता हूं क्योंकि मेरी भाषा ही मेरे
Rj Anand Prajapati
🙅आज की बात🙅
🙅आज की बात🙅
*प्रणय*
- जिंदगानी की कहानी -
- जिंदगानी की कहानी -
bharat gehlot
गांधीजी का भारत
गांधीजी का भारत
विजय कुमार अग्रवाल
अजब है इश्क़ मेरा वो मेरी दुनिया की सरदार है
अजब है इश्क़ मेरा वो मेरी दुनिया की सरदार है
Phool gufran
संतान की परीक्षा में माँ की भूमिका
संतान की परीक्षा में माँ की भूमिका
Sudhir srivastava
जो अपने दिल पे मोहब्बत के दाग़ रखता है।
जो अपने दिल पे मोहब्बत के दाग़ रखता है।
Dr Tabassum Jahan
हिन्दी ग़ज़़लकारों की अंधी रति + रमेशराज
हिन्दी ग़ज़़लकारों की अंधी रति + रमेशराज
कवि रमेशराज
"याद रहे"
Dr. Kishan tandon kranti
भिनसार ले जल्दी उठके, रंधनी कती जाथे झटके।
भिनसार ले जल्दी उठके, रंधनी कती जाथे झटके।
PK Pappu Patel
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
गरीब की दिवाली।।
गरीब की दिवाली।।
Abhishek Soni
चढ़ते सूरज को सदा,
चढ़ते सूरज को सदा,
sushil sarna
दिल की आरजूओं को चलो आज रफू कर ले।
दिल की आरजूओं को चलो आज रफू कर ले।
Ashwini sharma
मातृभाषा💓
मातृभाषा💓
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
दोस्ती जीवन भर का साथ
दोस्ती जीवन भर का साथ
Rekha khichi
संदेश
संदेश
Shyam Sundar Subramanian
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
बल और बुद्धि का समन्वय हैं हनुमान ।
Vindhya Prakash Mishra
माता पिता
माता पिता
Roopali Sharma
चाँद शीतलता खोज रहा है🙏
चाँद शीतलता खोज रहा है🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आज फ़िर कोई
आज फ़िर कोई
हिमांशु Kulshrestha
बहुत सुना है न कि दर्द बाँटने से कम होता है। लेकिन, ये भी तो
बहुत सुना है न कि दर्द बाँटने से कम होता है। लेकिन, ये भी तो
पूर्वार्थ
दोहा-विद्यालय
दोहा-विद्यालय
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बिछड़ा हो खुद से
बिछड़ा हो खुद से
Dr fauzia Naseem shad
*राधा को लेकर वर्षा में, कान्हा छाते के संग खड़े (राधेश्यामी
*राधा को लेकर वर्षा में, कान्हा छाते के संग खड़े (राधेश्यामी
Ravi Prakash
Loading...