लड़कियां कहाँँ से लाओगे??
लड़कियां कहाँ से लाओगे?
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यवनिका उठता है
पण्डित रामलोचन का द्वार , पण्डित जी चारपाई पर बैठे हुए हैं तभी वहाँ गाँव के अजुबे चंगू और मंगू आते हैं।
चंगू मंगू – पाय लागी पंड़त जी
पण्डित जी- दोनों ही जन खुश रहो, फलो – फूलों। कैसे आना हुआ आप दोनों का?
चंगू- पंड़त जी, एक बात जाने चाहत रहे हम दोनों जन!
पण्डित जी:- हा, हा बोलो क्या जानना चाहते हो।
मंगू:- पंड़त जी, हमका बस इहै बताय देओ कौने भगवान की तपस्या या पूजा करै से फल जल्दी प्राप्त होवत है? विष्णु भगवान, शंकर जी, गणेश जी, हनुमान जी, या फिर दुर्गा मईया!
पण्डित जी :- प्रश्न तो उचित है तुम दूनन की, पर यह तो पता चले कि मनोकामना क्या है?, जैसी मनोकामना, वैसे देवता।
एक दूसरे की तरफ देखते हुए चंगू- मंगू, कुछ संकोच के उपरांत
चंगू:- पंड़त जी हम दोनों भाई
जवानी की दहलीज बस पार करने ही वाले है, सर पे चांद दिखन लगा है, अब संपूर्ण खेती सफाचट होय ओह से पहिले हम दोनन की बियाह हो जाय , बस ऐह कामना से ही ईश्वर की घोर तपस्या करन की इच्छा बलवती होय रही, पर दुविधा ऐह बात की है कि करैं तो कौन से भगवान की तपस्या करें।
पण्डित जी:- देखो हम तो इहै कहेंगे कि थोड़ै सब्र अउर कई लौ,, का पता का पता किसी लड़की के बाप को तुम दोनों पे दया आवै और तुम दोनों ही जन जल्द ही घोड़ी चढ़ जाओ।
जिद करने पर पण्डित जी नाम बताते हैं।
पण्डित जी- अब अगर तुम लोगन ने तय कर लिया लिया है तपस्या करने को तो शिव जी को प्रसन्न करों, वहीं एक ऐसे देवता हैं जो झट से प्रसन्न होते और फट से वर देते हैं।
भाग दो:-
यवनिका उठता है, चंगू, मंगू शिव जी की तपस्या में लीन दिखते हैं
चंगू, मंगू:- ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय।
शंकर जी प्रकट होतो हैं
शिव जी:- आँखे खोलो वत्स, हम तुम्हारी तपस्या से प्रसन्न हुए, वर मांगो।
चंगू, मंगू:- प्रभु आप अगर हमारी तपस्या से प्रसन्न हैं तो हमें बस इतना ही वर दें कि हमारी शादी जल्द से जल्द हो।
शिव जी:- (गम्भीर मुद्रा में), देखो बेटे शादी कर के क्यों दुखी होना चाहते हो, शादी तो बर्बादी है, कुछ और वर मांग लो।
चंगू, मंगू:- भगवन आपने शादी कर ली और हमें मना कर रहे हैं, यह तो कदापि उचित नहीं। आप तो दुखी नहीं लगते ।
शिव जी:- हमारे मन की पीड़ा तुम दोनों क्या जानों, शादी से पूर्व मैं मस्त – मलंग रहा करता था, किन्त अब पार्वती हर वक्त भंग घोटन को मना कर मैके जाने की धमकी देती हैं।
चंगू, मंगू :- प्रभु हमें कुछ और नहीं चाहिए, हमारी तो बस शादी करा दो आप।
शिव जी कुछ देर सोचने के बाद,
ठीक है शादी तो हम तुम दोनों की ही क्या देंगे लेकिन इससे पहले हमारे एक प्रश्न का जवाब दो तुम दोनों।
चंगू, मंगू (खुश होते हुए), ठीक भगवन सवाल पुछे आप।
शिव जी:- शादी के बाद निश्चय ही तुम दोनों का परिवार भी बढ़ेगा, अब प्रश्न यह है कि संतति रूप में लड़के चाहते हो या लड़की?
चंगू, मंगू:- प्रभु हमें तो लड़का ही चाहिए , लड़की पैदा हुई तो दहेज कहाँ से लायेंगे।
शिव जी:- (गम्भीर मुद्रा में) :- वत्स जैसा तुम दोनों सोच रहे हो आज ज्यादातर मानव की यहीं सोच है, अब तुम ही बताओ, जब लड़कियां जन्म ही नहीं लेंगी तो शादी संबंध के लिए लड़कियां कहाँ से आयेंगी, क्या उन्हें गुगल से अपलोड करोंगे?।
✍️पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’