Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Mar 2023 · 2 min read

#लघुकथा

#लघुकथा
■ प्राइवेसी ज़िंदाबाद
【प्रणय प्रभात】
“आपका काम सिर्फ़ बच्चों को पढ़ाना है। उनकी प्राइवेसी में टांग अड़ाना नहीं। आज बस समझा रहा हूँ। सुधर जाओ, वरना ठीक नहीं होगा।” सत्तारूढ़ दल का अध्यक्ष कलफ़दार कुर्ते की आस्तीन चढ़ा-चढ़ा कर दहाड़ रहा था। शाला के प्राचार्य व शिक्षकगण अपमान सा अनुभव करने के बाद भी मौन साधे खड़े थे।
मामला सहपाठी लड़कों के साथ आए दिन हंगामा करने वाली कुछ छात्राओं को दी गई समझाइश से जुड़ा था। जिनके साथ नियमानुसार रोक-टोक की शिकायत से अध्यक्ष भन्नाया हुआ था। आख़िर वो छात्राएं उसके अपने समाज की थीं। उसी समाज की जिसके धन-बल, बाहु-बल व रसूख के बलबूते उसे सियासी पद नसीब हुआ था। वो भी बिना किसी योग्यता, सिर्फ़ दबंगई की वजह से।
अकड़ व धौंस-धपट के इस बेहूदा सिलसिले पर विराम लगाया मोबाइल की रिंग ने। अध्यक्ष ने मोबाइल कान पर लगाया। दूसरी ओर से मिली सूचना से अध्यक्ष का तमतमाया हुआ लाल चेहरा पीला पड़ता और बुझता सा दिखाई दिया। वो तुरंत अपने पुछल्लों के साथ बाइक पर सवार हो कर कूच कर गया।
सभी के कौतुहल पर विराम शाम के एक स्थानीय अख़बार ने लगाया। पता चला कि अध्यक्ष की बेटी किसी सुनसान जगह पर सहपाठी के साथ प्राइवेसी के अधिकार का लाभ उठाते पकड़ी गई थी। वो भी दिन-दहाड़े, रंगे हाथ।
फ़िलहाल निजता (प्राइवेसी) के धुर समर्थक अध्यक्ष महोदय शर्म की सुरंग में भूमिगत हैं। जिनके चेले-चपाटे भी मुंह छिपाए भटक रहे हैं। अपमानित शिक्षक विपक्षियों की तरह मन ही मन प्राइवेसी ज़िंदाबाद के नारे लगा रहे हैं। खुले आम न लगा पाने के कारण।
😝😝😝😝😝😝😝😝

1 Like · 343 Views

You may also like these posts

वतन-ए-इश्क़
वतन-ए-इश्क़
Neelam Sharma
नखरे हज़ार तेरे, अपने सर उठाऊंगा,
नखरे हज़ार तेरे, अपने सर उठाऊंगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चलो दूर हो जाते हैं
चलो दूर हो जाते हैं
Shekhar Chandra Mitra
मुझे लगा कि तुम्हारे लिए मैं विशेष हूं ,
मुझे लगा कि तुम्हारे लिए मैं विशेष हूं ,
Manju sagar
कभी कभी चाहती हूँ
कभी कभी चाहती हूँ
ruby kumari
किस बात की चिंता
किस बात की चिंता
Anamika Tiwari 'annpurna '
میرے اس دل میں ۔
میرے اس دل میں ۔
Dr fauzia Naseem shad
हास्य कुंडलिया
हास्य कुंडलिया
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
*नवरात्रि के इन पावन पर्व में ...*
*नवरात्रि के इन पावन पर्व में ...*
Shashi kala vyas
ग़ज़ल __पी लिया है जाम ए कौसर ,दिल नहीं लगता कहीं ,
ग़ज़ल __पी लिया है जाम ए कौसर ,दिल नहीं लगता कहीं ,
Neelofar Khan
जवानी
जवानी
Bodhisatva kastooriya
ईष्र्या
ईष्र्या
Sûrëkhâ
*लव इज लाईफ*
*लव इज लाईफ*
Dushyant Kumar
11. O Rumour !
11. O Rumour !
Ahtesham Ahmad
हिस्सा,,,,
हिस्सा,,,,
Happy sunshine Soni
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
अब देश को
अब देश को
*प्रणय*
परख और पारखी
परख और पारखी
Mahender Singh
3650.💐 *पूर्णिका* 💐
3650.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मैंने उस नद्दी की किस्मत में समंदर लिख दिया
मैंने उस नद्दी की किस्मत में समंदर लिख दिया
Nazir Nazar
तुम पुरमासी के चाँद सी...
तुम पुरमासी के चाँद सी...
शिवम "सहज"
*किसी कार्य में हाथ लगाना (हास्य व्यंग्य)*
*किसी कार्य में हाथ लगाना (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
★किसान ★
★किसान ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
"नंगे पाँव"
Pushpraj Anant
कारगिल वीर
कारगिल वीर
डिजेन्द्र कुर्रे
आज का इंसान
आज का इंसान
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
तुम्हें भूल नहीं सकता कभी
gurudeenverma198
नीर सा मन
नीर सा मन
Manoj Shrivastava
इज़हार करके देखो
इज़हार करके देखो
Surinder blackpen
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा , न्यौता सबका आने को...
मन्दिर में है प्राण प्रतिष्ठा , न्यौता सबका आने को...
Shubham Pandey (S P)
Loading...