समारोह
ट्यूब वेल चल रहा था और चार लड़के बाल्टियाँ भर भर कर मैदान का छिड़काव कर रहे थे। टेंट वाले का सामान पड़ा हुआ था, इतनी सारी तैयारी देखकर गजोधर ने कन्हैया लाल से पूछा- अरे नेता जी, राम राम;ये सब तैयारियां किसलिए हो रही हैं?
कन्हैया लाल ने कहा, आज पर्यावरण संरक्षण दिवस है , विधायक जी को इस मौके पर बुलाया है। तैयारी तो करनी ही पड़ेगी।थोड़ी देर बाद टेंट लगने लगा।पहले तो टेंट लगाने के लिए आस- पास के पेड़ों की टहनियाँ और डालें काटी गईं उसके बाद पंडाल के बीच में आने वाले एक छोटे – से पेड़ को जड़ से काट दिया गया। शाम को विधायक जी आए और धुआँधार भाषण देकर चले गए।समारोह के बाद वहाँ पर लोगों ने नाश्ता वगैरह किया।थर्मोकोल की प्लेट , कटोरी और डिस्पोजेबल ग्लास चारों ओर बिखरे नज़र आ रहे थे। गजोधर समारोह समाप्त होने के बाद , समारोह स्थल पर फिर पहुँचे तो देखा कि टहनियाँ और डालें छटपटा रही थीं और छोटकू पेड़ दम तोड़ चुका था।अगर कुछ शेष था तो विधायक जी का भाषण,जिसके शब्द अदम्य जिजीविषा के साथ वायुमंडल में तैर रहे थे।
डाॅ बिपिन पाण्डेय