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21 May 2023 · 1 min read

#लघुकथा / #बेरहमी

#लघुकथा-
■ क्या करता बेचारा कूलर?
【प्रणय प्रभात】
आठ बाय आठ का एक कमरा। फ़र्श पर आड़े-तिरछे पसरे आठ प्राणी। सब की कोशिश ढाई हजार रुपए के लोकल कूलर में लगभग घुस जाने की। आखिर पहली बार तन-पेट काट कर लाया गया था वो कूलर। ठंडी हवा पर सबका साझा हक़ था। प्रचंड गर्मी के मौसम में कमरे का माहौल लगभग क्वार के महीने सा ही था।
अचानक एक झटके से बिजली चली गई। बेरहम आषाढ़ ने सभी को झकझोर कर जगा दिया। कोने में रखा छोटा सा कूलर आँखें मलते बेबसों को देख कर अब बेहद शर्मिंदा सा था। उसे पता था कि उसकी सेवा बिजली कंपनी के कारिंदों पर निर्भर है।।
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)
😢😢😢😢😢😢😢😢

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