लघुकथा: ऑनलाइन
लघुकथा: ऑनलाइन
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अध्यक्ष जी के घर पर व्यापारियों की जोरदार मीटिंग चल रही थी । विचारणीय विषय था :ऑनलाइन खरीदारी से व्यापारियों का धंधा चौपट होने के संबंध में। सभी अपने अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कह रहे थे कि इस ऑनलाइन खरीदारी ने तो दुकानों की तरफ ग्राहक के चढ़ने की रुचि को ही समाप्त कर दिया।
गुप्ता जी बोले “मुझे ही ले लीजिए ! रेडीमेड का धंधा जबसे ऑनलाइन हुआ है, आधा रह गया । लोग ऑनलाइन सामान मंगा लेते हैं।”
खेल खिलौने वाले वर्मा जी की भी यही स्थिति थी” आजकल तो अच्छे से अच्छे खिलौने ऑनलाइन उपलब्ध हैं। अब कोई हमारी दुकान पर क्यों आए ?”
वार्ता चल ही रही थी कि तभी गृहस्वामिनी ट्रे में चाय लेकर आईं। एक सज्जन बोले ” टी-सैट तो बहुत शानदार है ।”
गृहस्वामिनी ने प्रसन्न होकर कहा ” ऑनलाइन मंगाया है । आजकल तो हम इसी से मंगाते हैं।”
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लेखक : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा ,
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 999761 5451